सबरीमाला मंदिर में भगवान अयप्पा के दर्शन करने जाने वाली तमिलनाडु की 11 महिलाओं को रविवार को प्रदर्शनकारियों के हिंसक होने पर वापस लौटना पड़ा. इस दौरान पुलिस ने दो दर्जन प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया. महिलाओं के इस समूह का नेतृत्व सेल्वी कर रही थीं, जिनका संबंध तमिलनाडु के मनिति महिला समूह से है. भक्तों की ओर से पहाड़ी पर चढ़ने से उन्हें रोकने और भगाने पर इन महिलाओं को पंबा से मदुरै के लिए वापस जाने को मजबूर होना पड़ा.
10 से 50 साल की 11 महिलाएं भगवान अय्यपा के दर्शन के लिए पंबा शहर सुबह 5.30 बजे पहुंची थीं और वे सुबह 11 बजे तक बैठी रहीं. महिलाएं पहाड़ी की चढ़ाई के लिए पुलिस सुरक्षा की मांग कर रही थीं लेकिन, पारंपरिक अय्यपा भक्त भी शिविर पर जमा थे और उन्हें पहाड़ी पर चढ़ने नहीं दे रहे थे.
सुबह पंबा पहुंचने पर महिलाओं का समूह मंदिर की तरफ जाने के रास्ते के एक तरफ खड़ा हो गया, जबकि प्रदर्शनकारी दूसरे तरफ खड़े होकर नारे लगाने लगे. उन्होंने फैसला किया कि महिलाओं को ऊपर की तरफ जाने नहीं देंगे. प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी जारी रखी और महिलाओं के समूह के साथ डरावने ढंग से पेश आए और उन्हें ऊपर मंदिर की तरफ नहीं जाने की धमकी दी. यह 11.30 बजे का वक्त था जब केरल पुलिस को 20 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेना पड़ा.
इसके बाद तत्काल वहां सैकड़ों दूसरे प्रदर्शनकारी पहुंच गए, जिससे पुलिस और तमिल महिलाओं को अपनी सुरक्षा के लिए भागने पर मजबूर होना पड़ा. पुलिस अधीक्षक कार्तिकेयन ने बताया की सेल्वी की अगुवाई वाले महिलाओं के समूह ने पंबा के नजदीक एक पुलिस गाड़ी के अंदर शरण लिया.
सुप्रीम कोर्ट की ओर से बीते 28 सितंबर को हर उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत देने का फैसला किए जाने के बाद से सबरीमाला में हिंदू समूहों की ओर से लगातार इस फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. उनका कहना है कि यह फैसला धार्मिक परंपरा के खिलाफ है.