सबरीमाला में मासिक पांच दिवसीय पूजा का सोमवार को अंतिम दिन है. पूजा-पाठ शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो जाए, इसके लिए प्रदेश पुलिस ने पुख्ता तैयारियां की है. पूरे केरल में पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है. पुलिस को कुछ खुफिया जानकारी मिली है कि प्रदर्शनकारी पंबा में सोमवार शाम विजय जुलूस निकाल सकते हैं. जुलूस की तैयारी इसलिए है कि बीते पांच दिनों में पूजा के दौरान किसी महिला को सबरीमाला मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश नहीं मिल पाई है.
पांचवें दिन एक महिला ने इरुमेली पुलिस से संपर्क कर सुरक्षा की मांग की है ताकि वह मंदिर में प्रवेश कर सके. उसकी उम्र के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं मिल पाई है. फिलहाल वह इरुमेली थाने में है.
पुलिस सतर्क है क्योंकि उसे हिंसक प्रदर्शन की भी खुफिया जानकारी मिली है. मीडिया पर भी हमले की आशंका है. सुरक्षा के लिहाज से पंबा और निलक्कल में मीडियाकर्मियों को सावधानी बरतने और समूचे इलाके से हट जाने की सलाह दी गई है. पूजा के अंतिम दिन केरल पुलिस के आईजी श्रीजीत ने शनिधाम में पूजा-अर्चना की. इसके बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि कोई महिला अगर मंदिर में प्रवेश चाहती है, तो पुलिस उसके लिए मुकम्मल बंदोबस्त करेगी.
श्रीजीत ने मीडिया से कहा, 'कोई महिला अगर सबरीमाला मंदिर आना चाहती है, तो हम उसके लिए सभी प्रबंध करेंगे. हम उसे पूरी सुरक्षा देंगे.' सबरीमाला मंदिर में सोमवार को पूजा के अंतिम दिन पंबा गेट शाम साढ़े पांच से 6 बजे तक बंद हो जाएगा. हालांकि आईजी ने यह नहीं बताया कि प्रदर्शन की स्थित रोकने और किसी महिला को प्रवेश दिलाने की उनकी क्या योजना है.
उधर, केरल के मुख्यमंत्री पिनारई विजयन सोमवार सुबह स्वदेश लौट आए. केरल के पुननिर्माण के लिए वे यूएई के पांच दिवसीय दौरे पर थे. केरल के लिए चंदा जुटाने के लिए विजयन यूएई गए थे. सबरीमाला मंदिर में पूजा-पाठ का काम देखने वाले त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड ने मुख्यमंत्री से मुलाकात के लिए वक्त मांगा है. सोमवार को पिनारई विजयन के प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की संभावना है.
इससे पहले रविवार को भगवान अयप्पा के श्रद्धालुओं ने 4 तेलुगू भाषी महिलाओं को मंदिर तक जाने वाली पहाड़ियों पर चढ़ने से रोक दिया. अयप्पा मंत्रोच्चारण कर रहे प्रदर्शनकारियों ने दोनों महिलाओं को पहाड़ी के नीचे ही रोक दिया. अपने रिश्तेदारों के साथ आई इन महिलाओं की उम्र 40 के आसपास बताई जा रही है. हालांकि, प्रदर्शनकारियों ने 50 से ऊपर आयु वर्ग की महिलाओं को पहाड़ी पर चढ़ने दिया.
महिलाओं को सुरक्षित वहां से निकालने वाली पुलिस के मुताबिक, दोनों महिलाओं ने सुरक्षाबलों को बताया कि वह मंदिर की परंपराओं को जाने बिना ही यहां आ गईं थीं. वहीं 47 वर्षीय एक महिला मंदिर के गर्भ गृह नडाप्पंधाल के नजदीक पहुंच गई लेकिन श्रद्धालुओं ने स्वामिये शरणम अयप्पा का मंत्रोच्चार करते हुए उसे वहां प्रवेश करने से रोक दिया. पुलिस ने बताया कि ये महिलाएं केरल में मंदिर घूमने आए श्रद्धालुओं के ग्रुप का हिस्सा थीं. उन्हें निलक्कल ले जाया गया, जहां उन्होंने अपनी गाड़ी पार्क की थी.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने 10 से 50 साल तक की उम की महिलाओं के भगवान अयप्पा के मंदिर में दर्शन पर लगी सदियों पुरानी रोक हटाने संबधी फैसला दिया था. इस बीच सबरीमाला कर्मा समिति ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने की 'जल्दबाजी' दिखाने के लिए केरल सरकार के खिलाफ आंदोलन तेज करने का फैसला किया है.