क्रिकेट में शतकों का पहाड़ लगाने वाले सचिन तेंदुलकर का एक सांसद के रूप में रिकॉर्ड बेहद निराशाजनक रहा है. मास्टर ब्लास्टर ने इस साल संसद में अपना खोता तक नहीं खोला है.
सूत्रों के मुताबिक सचिन ने इस साल एक भी दिन संसद में कदम नहीं रखा. यानी उन्होंने एक सांसद के रूप में वहां एक भी सत्र में अपनी उपस्थिति नहीं दर्ज कराई. 44 वर्षीय क्रिकेटर से लोगों को बहुत उम्मीद थी कि वह संसद में जाकर खेलों को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाएंगे. उन्हें 2012 के जून में राज्य सभा की सदस्यता दी गई थी.
संसद से उपलब्ध रिकॉर्डों के मुताबिक सचिन ने इस साल एक भी दिन राज्य सभा के सत्र में हिस्सा नहीं लिया. 2013 में भी उनका रिकॉर्ड बेहद खराब था जब उन्होंने मात्र 3 दिन सत्र में ही भाग लिया. इतना ही नहीं सचिन ने अब तक किसी भी संसदीय बहस में हिस्सा भी नहीं लिया है. हालांकि बड़ी संख्या में सांसद अब संसद नहीं जाते लेकिन सचिन ने एक नया रिकॉर्ड बना दिया है.
उन्होंने पिछले साल कुल 3 प्रतिशत उपस्थिति दर्ज कराई. यह जानकारी पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च ने बताई.
उम्मीद थी कि क्रिकेट से रिटायरमेंट के बाद संसद की बैठकों में भाग लेंगे. लेकिन पिछले साल नवंबर में रिटायर होने के बाद उन्होंने यहां खाता तक नहीं खोला.