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सफाईगीरी अवॉर्ड 2017: संगीत के लिए शाशा ने छोड़ा डॉक्टर बनने का सपना

इंडिया टुडे सफाईगीरी अवार्ड 2017 के पांचवे सत्र में सिंगर शाशा तिरुपति ने की. इस सत्र का संचालन इंडिया टुडे पत्रकार गौरव सावंत ने किया. सिंगर शाशा ने अपने गीत हम्मा-हम्मा से इस कार्यक्रम में समां बांधा. गौरव सांवत ने शाशा से पूछा कि उन्हें किस गाने से स्वच्छता की प्रेरणा मिलती है. इस सवाल के जवाब में शाशा ने अपना गाना सुनाया.

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शाशा तिरुपति ने छोड़ा डॉक्टर बनने का सपना
शाशा तिरुपति ने छोड़ा डॉक्टर बनने का सपना

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इंडिया टुडे सफाईगीरी अवार्ड 2017 के पांचवे सत्र में सिंगर शाशा तिरुपति ने की. इस सत्र का संचालन इंडिया टुडे पत्रकार गौरव सावंत ने किया. सिंगर शाशा ने अपने गीत हम्मा-हम्मा से इस कार्यक्रम में समां बांधा. गौरव सांवत ने शाशा से पूछा कि उन्हें किस गाने से स्वच्छता की प्रेरणा मिलती है. इस सवाल के जवाब में शाशा ने अपना गाना सुनाया.

इस सत्र के दौरान गौरव सावंत ने बताया कि कैसे डॉक्टर बनने की कोशिश कर रहीं शाशा को जब एहसास हुआ कि संगीत उनकी मंजिल है तब कैसे उन्होंने किताबों से किनारा कर लिया. शाशा ने बताया कि कैसे एक गाना उनके बेहद करीब है. किस गाने से उन्हें एहसास हुआ कि कैसे ईश्वर ने उन्हें लोगों के दिलों को छू लेने की शक्ति दी है.

स्वच्छता पर शाशा ने कहा कि हमें कचड़ें में अपना और दूसरे का की मानसिकता से बाहर निकलना होगा. हम अपने घर और आसपास पड़े कचड़े को महज इस लिए नजरअंदाज नहीं कर सकते क्योंकि उसने हमने नहीं फैलाया है.

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इस सत्र के दौरान टॉयलेट टाइटन अवार्ड की घोषणा की गई. यह अवार्ड ग्रामालय नाम की संस्था को दिया गया. यह संस्था तिरुपति में ओपन डेफिकेशन मुक्त ग्राम बनाने के क्षेत्र में अहम योगदान करता है. यह संस्था यूएनडीपी द्वारा सर्टिफाइड डबल पिट टॉयलेट के क्षेत्र में अहम काम करती है.

अवार्ड ऐलान के बाद एक बार फिर शाशा ने मधुबन में राधिका नाचे रे की मधुर धुन पर लोगों को मंत्रमुघ्ध कर दिया.

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