भगवा आतंकवाद शब्द इस्तेमाल करने पर भाजपा की कड़ी आलोचना का शिकार बनने वाले गृह मंत्री पी चिदंबरम ने बुधवार कहा कि वह इस शब्द के पेटेंट का दावा नहीं कर सकते क्योंकि संप्रग में उनके कई साथियों ने इस शब्द का इस्तेमाल किया है और यह संसद में भी इस्तेमाल हुआ है.
चिदंबरम ने अपने मंत्रालय की अगस्त महीने की प्रगति रिपोर्ट पेश करते हुए संवाददाताओं से कहा कि इस शब्द का इस्तेमाल कई लोगों ने किया है. '16 अगस्त 2001 को लोकसभा में शिक्षा के भगवाकरण विषय पर चर्चा हुई थी.' उन्होंने कहा, ‘मैं भगवा आतंकवाद के पेटेंट का दावा नहीं करता क्योंकि संप्रग में मेरे कई सहयोगियों ने बताया कि उन्होंने भी इस शब्द का इस्तेमाल पूर्व में किया है.’
यह कहे जाने पर कि उनकी पार्टी कांग्रेस ने भगवा आतंकवाद पर दिये गये बयान से खुद को अलग करते हुए कहा है कि आतंकवाद का कोई रंग रूप नहीं होता है, चिदंबरम ने कहा कि पार्टी सर्वोपरि होती है. उन्होंने कहा कि दरअसल भगवा आतंकवाद के पीछे संदेश यह है कि कुछ दक्षिणपंथी कटटरपंथी समूहों के पूर्व में हुए विस्फोटों की घटनाओं में शामिल होने का संदेह है.
यह पूछने पर कि दक्षिणपंथी कट्टरपंथी से उनका क्या आशय है, उन्होंने कहा कि इससे उनका आशय धार्मिक कट्टरपंथी समूह से है. चिदंबरम ने कहा, ‘संदेश मुहावरों में खोकर नहीं रह जाना चाहिए.’ युवाओं को कट्टर बनाने के प्रयासों पर आगाह करते हुए गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि हाल में ये तथ्य उजागर हुए हैं कि पूर्व में हुए कई बम विस्फोटों में ‘भगवा आतंकवाद’ का हाथ रहा है.
राज्यों के पुलिस महानिदेशकों और पुलिस महानिरीक्षकों के तीन दिवसीय सम्मेलन का 25 अगस्त को उद्घाटन करते हुए चिदंबरम ने कहा था, ‘भारत में युवकों और युवतियों को कट्टर बनाने के प्रयास बंद नहीं हुए हैं. इसके अलावा पूर्व में हुए कई बम विस्फोटों से भगवा आतंकवाद का हाल में नया स्वरूप सामने आया है.’