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सहारा डायरी केस में पीएम मोदी के खिलाफ जांच की मांग सुप्रीम कोर्ट ने ठुकराई

सुप्रीम कोर्ट ने सहारा डायरी मामले की जांच की मांग से जुड़ी याचिका ठुकरा दी है. वरिष्ठ वकील प्रशांतू भूषण ने कथित रूप से आयकर विभाग के छापे में जब्त डायरी की जांच करने के लिए सुप्रीम कोर्च में याचिका दायर की थी.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

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सुप्रीम कोर्ट ने सहारा डायरी मामले की जांच की मांग से जुड़ी याचिका ठुकरा दी है. वरिष्ठ वकील प्रशांतू भूषण ने कथित रूप से आयकर विभाग के छापे में जब्त डायरी की जांच करने के लिए सुप्रीम कोर्च में याचिका दायर की थी.

प्रशांत भूषण ने अपनी याचिका के समर्थन में कुछ दस्तावेज भी सुप्रीम कोर्ट को सौंपे थे. हालांकि कोर्ट ने उन दस्तावेज़ों का देखने के बाद साफ कहा कि इन दस्तावेज़ों के आधार पर जांच के आदेश नहीं दिए जा सकते.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अमान्य सामग्रियों के आधार पर जांच का आदेश नहीं दे सकते. राजनीतिक लक्ष्यों की पूर्ति के लिए कानूनी प्रकिया का दुरुपयोग नहीं किया जा सकता है. कोर्ट ने साथ ही कहा कि ठोस सामग्री के बिना उच्च संवैधानिक पदाधिकारियों के खिलाफ यूं जांच बिठाई गई, तब तो लोकतंत्र काम ही नहीं कर सकता.

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गौरतलब है कि आयकर विभाग के छापे में सहारा के ऑफिस से एक डायरी मिली थी, जिसमे कथित रूप से यह लिखा है की 2003 में गुजरात के मुख्यमंत्री को 25 करोड़ रुपये घूस दी गई. उस समय नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे. इनके अलावा तीन और मुख्यमंत्रियों को भी घूस देने की बात दी गई. भूषण के मुताबिक , आयकर विभाग ने अपनी रिपोर्ट में ये बातें कहीं हैं. याचिका में उन्होंने इस मामले की एसआईटी जांच की मांग की गई थी.

इस संबंध में शीला दीक्षित ने आजतक से बातचीत में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अगर कुछ कहा है तो सोच समझ कर बोला होगा कि डायरी सस्टेनेबल नहीं है. राहुल जी ने जो कहा वो अपनी बात पर अटल हैं. वहीं लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस मामले में बीजेपी को एक तरह से चैलेंज करते हुए कहा कि बीजेपी को आरोपों से ऐतराज है, तो वह राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा करे.

वहीं कांग्रेस की एक अन्य नेता रेणुका चौधरी इस मुद्दों को लेकर लोगों के बीच जाने का इशारा करते हुए कहती है कि वह कोर्ट की बात है, हम जनता की कोर्ट में जा रहे हैं. तो यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष राज बब्बर कहते हैं, कोर्ट पर हमको कुछ नहीं कहना, लेकिन पीएम का दायित्व है कि वह जांच करवाएं. पहले भी ऐसे में हुआ है, जब जैन हवाला डायरी में अडवाणी जी ने नाम आने पर इस्तीफा दे दिया था, मोदी जी को भी चाहिए कि वह इस्तीफ़ा देकर जांच का आदेश दें.

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