उच्चतम न्यायालय ने सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय को आज दिल्ली में एक सप्ताह तक न्यायिक हिरासत में रखने का आदेश दिया है और उन्हें उच्च सुरक्षा वाली तिहाड़ जेल में रखा जाएगा. यहां वह जमीन पर सोएंगे और आम कैदियों की तरह जेल का खाना खाएंगे.
खुद को सहारा इंडिया परिवार का प्रबंध कार्यकर्ता कहलाना पसंद करने वाले रॉय को हफ्ते में केवल दो बार आगंतुकों से मिलने की इजाजत होगी. तिहाड़ जेल के प्रवक्ता सुनील गुप्ता ने बताया कि अन्य जेलों के विपरीत हमारे यहां ए, बी या सी श्रेणी जैसी विशेष श्रेणी नहीं हैं. इसलिए उन्हें आम कैदी की तरह रखा जाएगा.
उन्होंने कहा कि हमारे दो परिसर हैं. एक तिहाड़ में और दूसरा रोहिणी में. हमने उन्हें तिहाड़ परिसर में रखने का फैसला किया है जहां उन्हें आम कैदी की तरह रखा जाएगा. गुप्ता ने कहा कि उन्हें जमीन पर सोना होगा और जेल का भोजन खाना होगा. आंगतुकों को उनसे हफ्ते में दो बार मुलाकात की इजाजत होगी और वह भी उन दस लोगों में से जिनकी सूची उन्हें प्रवेश के समय जमा करनी होगी.
हमारी सुंदर कहानी है, आप प्यार करेंगे
'आप जब हमारी कहानी सुनेंगे, तब आप हमें प्यार करेंगे और हमारी पीठ थपथपायेंगे' ये ही वे शब्द हैं जिनमें सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय ने उच्चतम न्यायालय में मंगलवार को अपने समूह के कठिन दौर को बयां किया. कुछ साल पहले के संकट काल का उल्लेख करते हुए रॉय ने स्वयं ही न्यायमूर्ति केएस राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति जेए खेहर की पीठ ने कहा कि सहारा के हजारों कर्मियों ने अपने जेब से योगदान दिया ताकि निवेशकों को उनका धन वापस मिल पाए. उन्होंने कहा कि यह एक सुंदर मानवीय कहानी है. यदि आप हमारी कहानी सुनेंगे, तो आप हमसे प्यार करेंगे और पीठ थपथपायेंगे.
लेकिन पीठ ने कहा कि हम आपको प्यार करेंगे यदि आप निवेशकों को भुगतान करेंगे. हम आपको प्यार करेंगे यदि आप कानून का पालन करेंगे. हम आपको प्यार करेंगे यदि आप हमारा फैसला मानेंगे. पीठ ने कहा कि आपने अपना पक्ष रखने के लिए श्रेष्ठ और विद्वान वकील रखे हैं लेकिन आपने निवेशकों का भुगतान नहीं किया है. तिहाड़ पहुंचने पर एक डॉक्टर उनकी चिकित्सा जांच करेंगे और यदि उन्हें किसी तरह की समस्या का पता चलता है तो पहले दिन से ही इलाज शुरू कर दिया जाएगा. गुप्ता ने कहा कि उन्हें अन्य कैदियों से बचाने के लिए सिविल सेल में रखा जाएगा.