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रेलवे के टीटीई श्याम सुंदर बेसरा को साहित्य अकादमी पुरस्कार

यह प्रतिष्ठित पुरस्कार उनके उपन्यास मारोम के लिए दिया गया है. बेसरा, जी बी रारेक के नाम से संथाली में और हिंदी में संथाल परगनावी के नाम से लिखते हैं.

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साहित्य अकादमी पुरस्कार
साहित्य अकादमी पुरस्कार

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पूर्व रेलवे के एक कर्मचारी को इस बार का साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला है. आसनसोल में मुख्य टिकट निरीक्षक के तौर पर काम करने वाले श्याम सुंदर बेसरा को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार दिया गया. यह जानकारी रेलवे ने दी है.

एक बयान में बताया गया है कि यह पुरस्कार उन्हें उनके उपन्यास ‘मारोम’ के लिए दिया गया है जो संथाल परगना में प्रकृति, सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक स्थितियों पर आधारित है. उपन्यास स्वतंत्रता के बाद संथाल इलाके में दो मुख्य औद्योगिक विकास--दुमका में मसानजोर बांध का निर्माण और चितरंजन में एक रेलवे लोकोमोटिव वर्कशॉप की स्थापना के बाद उपजी परिस्थिति पर आधारित है. यह उपन्यास संथाली भाषा में है.

उनकी दो अन्य पुस्तक ‘दुलार खातिर’ और ‘दामिन रिया (उदास) कहानी को’ सिद्धो कान्हू यूनिवर्सिटी में मास्टर्स कोर्स का हिस्सा है. बेसरा, जी बी रारेक के नाम से संथाली में और हिंदी में संथाल परगनावी के नाम से लिखते हैं.

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