साईं पूजा का विरोध करके विवादों में आए शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती एक बार फिर अपनी बात को जायज
बताया है. आज तक से खास बातचीत में साईं पर एक और विवादास्पद टिप्प्णी करते हुए उन्होंने कहा कि अगर
अयोग्य की पूजा की जाएगी, तो उसका उल्टा फल मिलेगा. कांग्रेस से संबधों पर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह उनके चेले हैं, वह दिग्विजय नहीं.
पढ़िए शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती का EXCLUSIVE इंटरव्यू:
सवाल: धर्म संकट की स्थिति कैसे बन गई. साईं पूजा पर आपको क्या आपत्ति है?
शंकराचार्य: सनातन धर्म में अयोग्य की उपासना नहीं होती. अयोग्य की उपासना का फल उल्टा होता है. साईं
असत्य हैं क्योंकि उनकी मौत हो चुकी है. मरने वाले किसी अचेतन की पूजा हिंदू नहीं करते. हम मूर्ति पूजा करते भी
हैं तो मूर्ति में प्राण-प्रतिष्ठा करने के बाद. साईं में ऐसी कोई योग्यता नहीं कि उनकी पूजा हो. वह चिलम पीते थे,
मांसाहार करते थे और एकादशी पर जबरन ब्राह्मणों को मांस खिलाते थे.
सवाल: साईं तो खुद कहते थे सबका मालिक एक है. वो खुद को तो भगवान कहते नहीं थे?
शंकराचार्य: साईं कहते थे कि सबका अल्लाह एक है. जिसका मालिक कोई दूसरा हो उसकी पूजा कैसे हो सकती
है.
सवाल: साईं की शख्सियत से आपत्ति है या उस आडंबर से उनके इर्द-गिर्द रचा जा रहा है.
शंकराचार्य: हमारी आपत्ति साईं से नहीं, उनके भक्तों की पूजा से है. उनके भक्त उनके ही सिद्धांतों का पालन नहीं
करते. साईं के नाम पर लोगों को भ्रमित किया जा रहा है.
सवाल: आपके विरोध के पीछे धर्म का अर्थशास्त्र तो नहीं क्योंकि ज्यादा चढ़ावा अब साईं मंदिरों में जाता है?
शंकराचार्य: साईं को जाने वाले चढ़ावे से हमें कोई आपत्ति नहीं. धन से कोई बड़ा नहीं होता, भगवान नहीं बनता. नहीं
तो अंबानी देश में सबसे अमीर हैं, वो भगवान बन जाते. साईं दर्शन से मनोकामना पूरी होने का भ्रम फैलाया जाता है ,
पहले साईं को इतना चढावा क्यों नहीं मिलता था.
सवाल: आपको कांग्रेसाचार्य भी कहा जाता है.
शंकराचार्य: मैंने अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा लिया है. मैं एकमात्र शंकराचार्य हूं जिसने आजादी की लड़ाई
में हिस्सा लिया. मुझे कांग्रेस का करीबी बताना सिर्फ साजिश है. रमन सिंह मेरे शिष्य हैं, मैं उनके घर में रुकता हूं.
दिग्विजय सिंह मेरे चेले हैं मैं उनका चेला नहीं.
सवाल: मोदी प्रधानमंत्री बने हैं, इसपर आपकी राय?
शंकराचार्य: जब वो वादे पूरे करेंगे तब मेरी राय उन पर बनेगी. मोदी अच्छा काम करेंगे तो हम उनका समर्थन करेंगे.
वह हिंदी को बढ़ावा दे रहे हैं, मैं इस मुद्दे पर उनके साथ हूं.
सवाल: उमा भारती कहती हैं कि साईं में विश्वास निजी आस्था है, उनसे क्या चाहते हैं आप?
शंकराचार्य: राम को छोड़ साईं भक्त कैसे हो गईं उमा. उनको मैं बचपन से जानता हूं . राम कथा कह-कह कर बड़ी
हुई हैं. उमा भारती आज जो भी हैं, राम नाम की ही वजह से हैं. उमा राम भक्त बनी रहें किसी भ्रम में न रहें. उनके
गुरु मेरे पक्ष में हैं और ये उनकी चेली होकर मेरा विरोध कर रही हैं, ये ठीक नहीं.
सवाल: कहां तक जाएगी ये लड़ाई?
शंकराचार्य: साईं भक्तों के प्रदर्शन और विरोध से विवाद और प्रतिक्रिया बढ़ रही है. सारे साधु-संत और अखाड़े मेरे
समर्थन में हैं और मेरे पक्ष में सड़कों पर उतरने को तैयार हैं. मैनें कोई आपत्तिजनक बात नही की है, ये सब मुझे
बदनाम करने की साजिश है. हिंदू धर्म को बजदनाम किया जा रहा है. मैंने रिपोर्टर को मारा नहीं सिर्फ दूर भगाया था.
मैं राजनीतिक व्यक्ति नहीं हूं. कोई भी सरकार अच्छा काम करेगी तो हम समर्थन करेंगे.