scorecardresearch
 

धर्म संसद में बोले शंकराचार्य स्वरूपानंद, 'साईं बाबा का अस्तित्व ही नहीं'

शिरडी के साईं बाबा को भगवान मानने को लेकर चल रहे विवाद पर छत्तीसगढ़ के कवर्धा में बुलाई गई धर्म संसद में 13 अखाड़ों के प्रमुख ने साईं को भगवान मानने से इनकार कर दिया है. उनका कहना है कि साईं के भगवान होने का कोई प्रमाणिक दस्तावेज नहीं है.

Advertisement
X
शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती (फाइल फोटो)
शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती (फाइल फोटो)

शिरडी के साईं बाबा को भगवान मानने को लेकर चल रहे विवाद पर छत्तीसगढ़ के कवर्धा में बुलाई गई धर्म संसद में 13 अखाड़ों के प्रमुख ने साईं को भगवान मानने से इनकार कर दिया है. उनका कहना है कि साईं के भगवान होने का कोई प्रमाणिक दस्तावेज नहीं है.

Advertisement

कहा गया कि लोग गलत रास्ते पर जा रहे हैं और उन्हें वापस लाने के लिए ही धर्म संसद बुलाई गई है. धर्म संसद में आए हुए विद्वानों ने कहा कि साईं बाबा न गुरु हैं, न अवतार और न ही संत.

धर्म संसद को संबोधित करते हुए शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि साईं का कोई अस्तित्व ही नहीं है, इसलिए पूजा का कोई फल नहीं मिलने वाला. उन्होंने कहा कि हम साईं की मूर्ति तोड़ने नहीं जा रहे, बल्कि उनका अस्तित्व शून्य करने जा रहे हैं.

स्वरूपानंद ने कहा कि साईं की पूजा से मानव जीवन खराब होता है. उन्होंने सवाल किया कि इस आयोजन में साईं संस्थान से कोई क्यों नहीं आया.

13 अखाड़ों के प्रमुख का कहना है कि शंकराचार्य स्वरुपानंद सरस्वती जो कहेंगे, हम वही करेंगे. वे भटके हुए हिंदुओं को वापस लाने का काम कर रहे हैं. जब उनसे पूछा गया कि साईं भक्त इसका विरोध करेंगे, तो उन्होंने कहा किसी के डर से परंपरा नहीं बदली जा सकती. देश में लाखों समाधियों की पूजा की जाती है, हम उसका विरोध नहीं करते, लेकिन भगवान को उनके साथ जोड़ना गलत है.

Advertisement

धर्म संसद में तेरह अखाड़ों के संतों में निरंजन अखाड़ा के नरेंद्रगिरी और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के हरिगिरी सहित अन्य संत शामिल हुए.

Advertisement
Advertisement