दिल्ली की एक अदालत ने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को सीबीआई के आवेदन पर जवाब दाखिल करने के लिए 19 मई तक का समय दिया है जिसमें 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े एक मामले में उनके खिलाफ आरोप तय करने के आदेश में टाइप की गलती का जिक्र किया गया है.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुनीता गुप्ता ने कुमार को सीबीआई के आवेदन पर जवाब देने के लिए कुमार को 19 मई तक का समय दिया है. सीबीआई ने कहा था कि अदालत के आदेश में भारतीय दंड संहिता की धारा के संबंध में टाइप की गलती है. सीबीआई के वकील डी पी सिंह ने आवेदन देकर अदालत से अनुरोध किया है कि इस त्रुटि को दूर किया जाए.
धारा 449 के स्थान पर धारा 339 का जिक्र किया गया है. कुमार के वकील आई यू खान ने सीबीआई के आवदेन की एक प्रति मांगी और जवाब दाखिल करने के लिए अदालत से समय देने का अनुरोध किया गया जिसे मंजूर कर लिया गया. आरोप तय हो जाने से 26 साल पुराने मामले में सुनवाई का रास्ता साफ हो जाएगा.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने इसी साल फरवरी में निचली अदालत को निर्देश दिया था कि सिख विरोधी दंगों की सुनवाई छह महीने के अंदर पूरी की जाए. सीबीआई ने आरोप लगाया है कि 31 अक्तूबर 1984 को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दंगों के दौरान कुमार ने एक खास समुदाय के सदस्यों के खिलाफ लोगों को भड़काया जिसकी परिणति दिल्ली कैंटोंमेंट क्षेत्र में पांच लोगों की मौत के रूप में हुई.
निचली अदालत में कुमार ने अपने बचाव में दावा किया था कि सीबीआई गवाहों के बयान विश्वसनीय हैं क्योंकि उनके बयानों में कई बार परिवर्तन हुआ है. इस मामले में कुमार के अलावा बलवान खोखर, कृष्ण खोखर, महेंद्र यादव, कैप्टन भागमल और गिरधारी लाल आरोपी हैं.