बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के मौजूदा और सेवानिवृत्त जजों की तनख्वाह और पेंशन बढ़ाने के बारे में प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई.
सरकार के इस फैसले से सुप्रीम कोर्ट के 31 जजों और हाई कोर्ट के 1079 जजों को फायदा होगा. इसके अलावा करीब ढाई हजार रिटायर्ड जजों को भी इस फैसले से फायदा होगा जिनकी पेंशन और ग्रेच्युटी भी बढ़ जाएगी.
जजों को बढ़े हुए वेतन का लाभ 1 जनवरी 2016 से मिलेगा और बढ़े वेतन के एरियर का एकमुश्त भुगतान किया जाएगा. जजों की तनख्वाह बढ़ाने के लिए सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में लाएगी.
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने सरकार को जजों के वेतन बढ़ाने को लेकर पत्र लिखा था. फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के एक जज को लगभग महीने में डेढ़ लाख रुपया हाथ में मिलता है. हाईकोर्ट के जजों का वेतन इससे कम है जबकि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को इससे ज्यादा वेतन मिलता है. इसके अलावा सर्विस के दौरान जजों को मुफ्त सरकारी आवास भी मिलता है. सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद जजों के वेतन बढ़ाने का प्रस्ताव सरकार के पास पहले से विचाराधीन था.