अदालत की कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिए सलमान अपना काम खत्म करके मंगलवार को मुंबई पहुंच गए. बॉलीवुड के सबसे पॉपुलर एक्टर में से एक सलमान के पास 2017 तक के प्रोजेक्ट हैं और उन पर इंडस्ट्री का 200 करोड़ रुपया लगा हुआ है.
कोर्ट में सुरक्षा हुई कड़ी
सेशंस कोर्ट के सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने अदालत परिसर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने की तैयारी कर ली है ताकि सलमान के फैन्स को परिसर में आने से रोका जा सके. सूत्रों ने बताया कि अदालत के भीतर केवल मीडियाकर्मियों, वकीलों और अदालत के स्टाफ को जाने की अनुमति होगी.
जज डी डब्ल्यू देशपांडे ने पिछले महीने घोषणा की थी कि वे 6 मई को फैसला सुनाएंगे. उन्होंने एक्टर को 6 मई को सुबह सवा 11 बजे अदालत में मौजूद रहने के लिए समन भी जारी किया था.
हो सकती है 10 साल तक की सजा
इस मामले में अभियोजन और बचाव पक्ष की बहस 21 अप्रैल को पूरी हो गई थी. मजिस्ट्रेट की ओर से गैर इरादतन हत्या के आरोप शामिल करने और मामले को सत्र अदालत के पास भेजने के बाद बहस नई सिरे से हुई थी. गैर इरादतन हत्या के मामले की सुनवाई मजिस्ट्रेट नहीं बल्कि सत्र अदालत कर सकती है और दोषी पाए जाने पर अपराधी को 10 साल तक की सजा हो सकती है. इससे पहले मजिस्ट्रेट सलमान के खिलाफ लापरवाही से और तेज गति से गाड़ी चलाने के मामले में सुनवाई कर रहे थे. इस मामले में आईपीसी की धारा के तहत आरोपी को दो वर्ष तक की सजा हो सकती है.
ड्राइवर की गवाही- मैं चला रहा था गाड़ी
सलमान (49) का कहना है कि वह दुर्घटना के समय गाड़ी नहीं चला रहे थे और उस समय उनका ड्राइवर अशोक सिंह गाड़ी चला रहा था. बचाव पक्ष के गवाह के रूप में पेश हुए सिंह ने इस बात की पुष्टि की है. हालांकि प्रदीप घराट के नेतृत्व में अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया है कि सलमान एक बार से ‘बकार्डी रम’ पीने के बाद गाड़ी चला रहे थे जबकि एक्टर का कहना है कि वह शराब नहीं बल्कि पानी पी रहे थे.
हालांकि अभियोजन ने दलील दी कि कार में सलमान के अलावा उनका पुलिस बॉडी गार्ड रवींद्र पाटिल और गायक मित्र कमाल खान मौजूद थे लेकिन अभिनेता ने तर्क दिया कि कार में एक चौथा व्यक्ति अशोक सिंह भी था. एक अदालत ने 2013 में सलमान के खिलाफ एक ताजा सुनवाई के दौरान गैर इरादतन हत्या के आरोप तय किए थे. अभियोजन पक्ष ने अपने मामले को साबित करने के लिए 27 गवाहों से पूछताछ की .
सरकारी क्रेन ने पीड़ितों पर गिरा दी थी SUV: सलमान के वकील
सलमान के वकील श्रीकांत शिवदे ने तर्क दिया कि मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट बताती है कि उसकी मौत कुचले जाने से लगी चोटों से हुईं और ये चोटें उस समय लगी थीं जब पुलिस की ओर से बुलाई गई क्रेन भारी एसयूवी को एक बार में नहीं उठा सकी थी और उसने इसे पीड़ितों पर गिरा दिया था.
बचाव पक्ष के वकील ने तर्क दिया कि बायां पहिया फट जाने के कारण कार एक दुकान से टकरा गई थी. उनका कहना था कि दुर्घटनास्थल पर दुकान के पास सड़क की मरम्मत हो रही थी और उस जगह पर पत्थर बिखरे पड़े थे. अभियोजन पक्ष ने कहा कि वह पाटिल की ओर से पुलिस को दिए गए बयान को आधार बना रहा है. पाटिल ने कहा था कि उसने अभिनेता को तेज गति और लापरवाही से वाहन न चलाने की सलाह दी थी लेकिन सलमान ने उसकी बात पर ध्यान नहीं दिया.
पाटिल की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी. पाटिल ने यह भी कहा था कि दुघर्टना के समय सलमान ने शराब पी रखी थी. हालांकि उसने सलमान के इस दावे के बारे में कुछ नहीं कहा कि गाड़ी अशोक सिंह चला रहा था.
पाटिल की गवाही पर अलग-अलग दलीलें
सलमान के वकील ने तर्क दिया कि पाटिल के बयान को दरकिनार कर दिया जाना चाहिए क्योंकि उसका निधन हो गया है और वह पूछताछ के लिए उपलब्ध नहीं है जबकि अभियोजन पक्ष का तर्क है कि पाटिल के बयान पर विचार किया जाना चाहिए क्योंकि उसने सलमान को कार चलाते देखा था और वह अहम गवाह था.
बचाव पक्ष के वकील ने यह भी तर्क दिया कि पुलिस ने स्टीयरिंग व्हील से उंगलियों के निशान नहीं उठाए थे, जिससे यह पता चल सके कि गाड़ी कौन चला रहा था. अभियोजन पक्ष के मुताबिक, सलमान के लापरवाही और तेज गति से गाड़ी चलाने की वजह से नुरूल्ला महबूब शरीफ की मौत हो गई थी और कलीम मोहम्मद पठान, मुन्ना मलाई खान, अब्दुल्ला रउफ शेख और मुस्लिम शेख घायल हो गए थे.
हालांकि सलमान ने कहा , ‘रवींद्र पाटिल झूठा व्यक्ति था और वह दुर्घटना के समय सो रहा था.’ अदालत सामाजिक कार्यकर्ता संतोष दाउंदकर की उस याचिका पर भी कल फैसला सुनाएगी जिसमें आरोप लगाया गया था कि पुलिस ने गलत डॉक्टरों से पूछताछ कर झूठे सबूत पेश किए. याचिका में आरोप लगाया गया है कि पुलिस ने मुख्य प्रत्यक्षदर्शी कमाल खान से भी पूछताछ नहीं की.
(इनपुट: भाषा)