अपने उपन्यास पर आधारित दीपा मेहता की फिल्म ‘मिडनाइट्स चिल्ड्रेन’ के प्रचार के लिए विवादित लेखक सलमान रुश्दी की कोलकाता यात्रा को सुरक्षा वजहों से बुधवार को अंतिम समय में रद्द कर दिया गया जिस पर सांस्कृतिक और साहित्य जगत ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है.
इस घटनाक्रम से नजदीकी से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में दिल्ली, बैंगलोर और मुंबई में बिना किसी समस्या के यात्रा करने वाले लेखक का निर्देशक दीपा मेहता और अभिनेता राहुल बोस के साथ शहर का दौरा करने का कार्यक्रम था. लेकिन लेखक ने सुरक्षा कारणों से अपनी यात्रा रद्द कर दी.
इस बीच, रुश्दी के शहर में आने का अनुमान कर अल्पसंख्यक समुदाय के सैकड़ों लोग उनके खिलाफ प्रदर्शन के लिए सुबह कोलकाता हवाई अड्डे पहुंचे. हवाई अड्डा पुलिस ने उन्हें बताया कि ‘सैटेनिक वर्सेज’ के लेखक कोलकाता नहीं आ रहे हैं जिसके बाद प्रदर्शनकारी तितर बितर हो गए. इस किताब के बाद उनके खिलाफ मौत का फतवा जारी किया गया था. सूत्रों ने बताया कि दीपा ने भी शहर का अपना दौरा रद्द कर दिया जहां उन्हें कोलकाता पुस्तक मेले में आयेाजित कोलकाता साहित्य संगोष्ठी में एक चर्चा में हिस्सा लेना था.
संयुक्त पुलिस आयुक्त (मुख्यालय) जावेद शमीम ने हालांकि बताया, ‘उनके (रुश्दी) शहर में आगमन को लेकर हमारे पास पूर्व सूचना नहीं थी. हमें इसके बारे में कुछ नहीं पता.’ इस मुद्दे पर राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता बंगाली फिल्म निर्देशक रितुपर्णो घोष ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है.
घोष ने कहा, ‘रुश्दी पर प्रतिबंध हमारे सुसंस्कृत होने के दावे का अपमान है. अनकहा राजनीतिक एजेंडा संभवत: सभी के लिये स्पष्ट है लेकिन एक वैध भारतीय वीजा के साथ रुश्दी पर प्रतिबंध पश्चिम बंगाल के लिये शर्म की बात है.’
लेखक अमिताव घोष ने कहा कि बोलने एवं अभिव्यक्ति की आजादी को राष्ट्रयेत्तर तत्वों से खतरा है. उन्होंने कहा, ‘एक लेखक के नाते हमारी अभिव्यक्ति मुख्यत: लेखन के जरिये होती है.’ बांग्लादेश की रहने वाली विवादास्पद लेखिका तसलीमा नसरीन ने ट्विटर पर लिखा, ‘मैं वर्ष 2013 में रुश्दी पर प्रतिबंध की निंदा करता हूं. मैं वर्ष 2007 से पश्चिम बंगाल द्वारा मुझ पर लगाये गये प्रतिबंध की भी निंदा करती हूं.’