आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है. चुनाव आयोग ने ऑफिस ऑफ प्रोफिट मामले में आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को अमान्य घोषित करने की सिफारिश कर दी है. आयोग ने अपनी चिट्ठी राष्ट्रपति को भेज दी है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इस पर आखिरी फैसला लेंगे.
विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चौतरफा घिर गए हैं. भाजपा ने केजरीवाल के सीएम पद पर बने रहने को अनैतिक बताते हुए इस्तीफे की मांग की है.
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने पार्टी की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब पार्टी के ज्यादातर नेता भ्रष्टाचार के आरोप में जेल जा चुके हों या गिरफ्तार हो चुके हों, तब सरकार में ऐसे प्रदर्शन के साथ केजरीवाल को पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है.
उन्होंने इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि नैतिकता और केजरीवाल में दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है. उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए. बताते चलें कि चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी (आप) के 20 विधायकों को अयोग्य ठहराते हुए उनकी सदस्यता रद्द कर दी है. आयोग ने अपनी सिफारिश राष्ट्रपति को भी भेजी है.
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि केजरीवाल की आम आदमी पार्टी की शुरुआत 'इंडिया अगेंस्ट करप्शन' के साथ शुरू हुई थी. इंडिया अगेंस्ट करप्शन से लेकर 'आई एएम करप्शन' तक का सफर आम आदमी पार्टी ने बहुत कम समय में तय किया है.
पात्रा ने कहा कि आज ऐसी स्थिती है कि आम आदमी पार्टी सरकार के भ्रष्टाचार के मामलों में आधे मंत्री जो कैबिनेट मंत्री थे, आज उनको निलंबित किया गया है. शायद अरविंद केजरीवाल इन्हें निलंबित करते भी नहीं. पर इस प्रकार सबूत सामने आए और जनता के सामने आए कि अंतत: उन्हें निलंबित करना ही पड़ा.
पात्रा ने केजरीवाल पर हमला जारी रखते हुए कहा कि आप के लगभग 15 विधायक ऐसे हैं जिनपर मामले दर्ज हैं. उन्होंने कहा कि मेरी जानकारी के मुताबिक 12 विधायक कभी न कभी अरेस्ट हो चुके हैं. बाकि जो बचे थे और वो आज निलंबित हो चुके हैं. कुछ जेल के अंदर हैं, कुछ बेल पर हैं, कुछ के खिलाफ केस चल रहा है और बाकि जो बचे थे वो निलंबित हो गए.