समझौता एक्सप्रेस विस्फोट कांड में पिछले दो दिनों में सोमवार को दूसरी गिरफ्तारी के तहत मुख्य संदिग्ध धान सिंह को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मध्य प्रदेश से गिरफ्तार किया. इस कांड में अबतक यह पांचवी गिरफ्तारी है.
यह गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है कि जब एनआईए ने पंचकुला की एक अदालत में कहा कि समझौता एक्सप्रेस विस्फोट कांड में गिरफ्तार राजेंदर चौधरी उर्फ पहलवान ने बम तैयार करने और विस्फोटक सामग्री हासिल में अहम भूमिका निभाई थी. उसने ही कथित रूप से इस ट्रेन में बम लगाया था.
पहलवान को एनआईए ने शनिवार को मध्यप्रदेश में उज्जैन से करीब 50 किलोमीटर दूर नगड़ा से गिरफ्तार किया था जहां वह नाम बदलकर रह रहा था. उसे आज दोपहर यहां एनआईए की विशेष अदालत में पेश किया गया. उसकी उम्र 30 वर्ष के आसपास है.
विशेष एनआईए अदालत की न्यायाधीश कंचन माही ने इस जांच एजेंसी को पहलवान की 28 दिसंबर तक की हिरासत मंजूर की. एनआईए ने पंद्रह दिनों के लिए उसे हिरासत में रखने की मांग की थी.
नयी दिल्ली में सूत्रों ने बताया कि मध्यप्रदेश-उत्तर प्रदेश की सीमा पर चित्रकूट से गिरफ्तार धान सिंह के बारे में संदेह है कि वह 2008 के मालेगांव बम विस्फोट में शामिल है. उन्होंने बताया कि समझौता एक्सप्रेस विस्फोट कांड में कथित साजिशकर्ताओं में एक सिंह को चित्रकूट में स्वामी नाम से भी जाना जाता है.
इस कांड में यह पांचवीं गिरफ्तारी हैं. एनआईए कमल चौहान, असीमानंद और लोकेश शर्मा को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है.
उल्लेखनीय है कि 18 फरवरी, 2007 को हरियाणा में पानीपत के समीप समझौता एक्सप्रेस में बम विस्फोट हुए थे और उसके बाद भयंकर आग लग गयी थी. इस घटना में 68 लोगों की जान चली गयी थी और 12 अन्य ट्रेन यात्री घायल हुए थे. ट्रेन पाकिस्तान जा रही थी.
जब पहलवान अदालत में ले जाया जा रहा था तब एक नाटकीय घटनाक्रम में उसने संवाददाताओं के समक्ष (समझौता ट्रेन में) विस्फोटक लगाने में अपनी संलिप्तता का दावा किया लेकिन सुनवाई खत्म होने के बाद वह अपने बयान से पलट गया और उसने संवाददाताओं कहा कि उसे एक साजिश के तहत हिरासत में लिया गया है.
इस विस्फोट कांड की प्रारंभिक जांच सरकारी रेलवे पुलिस एवं हरियाणा पुलिस के विशेष जांच दल ने की थी. बाद में गृहमंत्रालय के निर्देश पर जुलाई, 2010 में एनआईए ने जांच का काम अपने हाथों में ले लिया.