देशभर में भले ही मैगी पर बवाल मचा हो, पर छत्तीसगढ़ में तो चावल और नमक के सैम्पल तक फेल हो गए हैं. ये दोनों चीजें राज्य की BJP सरकार PDS के जरिए बड़ी आबादी को रियायती दरों पर मुहैया करा रही है.
खाद्य पदार्थों में मिलावट की जांच करने वाले विभाग ने चावल को बेहद घटिया पाया है. इसमें कीड़े-मकोड़े, मिटटी से लेकर कई तरह की गंदगी पाई गई है. यही नहीं, सरकार का आयोडीन युक्त नमक मुहैया कराने का दावा भी खोखला साबित हुआ है. नमक में आयोडीन की मात्रा नहीं के बराबर है.
मैगी के खिलाफ राज्य की BJP सरकार ने जबरदस्त हल्ला बोला था. लेकिन अब वह खुद सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत गरीबों को मुहैया कराए जा रहे खाद्यान्न को लेकर घिर गई है.
छत्तीसगढ़ की कुल ढाई करोड़ की आबादी में लगभग पौने दो करोड़ लोग PDS के जरिए मुहैया कराए जा रहे इस सस्ते अनाज पर निर्भर हैं. सरकारी योजनाओं के तहत आम जनता और निम्न आय वर्ग के लोगों को PDS की दुकानों से रियायती दरों पर चावल और नमक मुहैया कराया जाता है.
बस्तर के इलाकों में मुहैया कराया जा रहा चना तो अपनी जांच में खरा उतरा, लेकिन चावल और नमक की गुणवत्ता घटिया स्तर का पैमाना छूते नजर आई. संबंधित विभाग ने जब इन खाद्य पदार्थों की जांच की, तो उनके होश फाख्ता हो गए.
इस रिपोर्ट के बाद कांग्रेस को राज्य की BJP सरकार के खिलाफ हल्ला बोलने का मौका मिल गया है. कांग्रेस ने PDS को घोटालेबाजी से लिप्त करार दिया है. कांग्रेस ने कहा है कि लोगों को अच्छा और गुणवत्ता वाला अनाज मिल सके, इसके लिए कार्यकर्त्ता PDS की दुकानों से सैम्पल इकट्ठा करेंगे.
मुख्यमंत्री सचिवालय ने खाद्य विभाग को नए सिरे से PDS की खाद्य सामग्रियों की गुणवक्ता की जांच का जायजा लेने का निर्देश दिया है.