बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त को पुणे की यरवडा जेल में शिफ्ट कर दिया गया. उन्हें मंगलवार रात को ही शिफ्ट किया गया. एडिशनल आईजी प्रिजन मीरा बोरवनकर ने इस खबर की पुष्टि की है.
गौरतलब है कि संजय दत्त ने 16 मई को मुंबई के टाडा कोर्ट में सरेंडर किया था. कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद उन्हें मुंबई के आर्थर रोड जेल में रखा गया था.
इसके बाद खबरें आईं कि संजय को यरवडा जेल शिफ्ट करने में एक महीने का वक्त लग सकता है. लेकिन अचानक 21 मई की रात को उन्हें गोपनीय तरीके से शिफ्ट किया जाना चौंकाने वाला फैसला नजर आ रहा है.
सूत्रों के हवाले से खबर है कि संजय दत्त को बेहद गोपनीय तरीके से शिफ्ट किया गया. इसका कारण सरेंडर के दिन मीडिया के जमावड़े को लेकर पैदा हुई स्थिति को बताया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक संजय दत्त ने बीती रात शेरवानी पहन रखी थी और फ्रेंच कट दाढ़ी वाला लुक अख्तियार किया था.
गौरतलब है कि तमाम कानूनी दांव-पेंच आजमाने और उनमें मात खाने के बाद बॉलीवुड के 'मुन्नाभाई' ने आखिरकार 16 मई यानी गुरुवार की दोपहर स्पेशल टाडा कोर्ट में आत्मसमर्पण किया. कोर्ट में सरेंडर करने के बाद लंबी-चौड़ी कानूनी प्रक्रिया से गुजरते हुए संजय दत्त को आर्थर रोड जेल भेज दिया गया था.
आर्थर रोड जेल के ‘अंडा’ सेल में बंद थे संजय दत्त?
कड़ी सुरक्षा वाली मुंबई की आर्थर रोड जेल के ‘अंडा’ सेल में बंद अभिनेता संजय दत्त इसमें ‘घुटन’ महसूस करने की खबरें आईं. संजय दत्त ने टाडा अदालत से गुहार लगाई थी कि उन्हें दूसरी कोठरी में भेजा जाए क्योंकि वह आतंकवादी नहीं हैं. अंडा सेल में आमतौर पर संदिग्ध आतंकवादियों और खूंखार अपराधियों को रखा जाता है.
क्यों मिली सजा?
संजय दत्त को गैरकानूनी तरीके से नौ एमएम की पिस्तौल और एके 56 राइफल रखने के जुर्म में टाडा अदालत ने दोषी ठहराया था. ये हथियार उन्हीं विस्फोटक सामग्री और हथियारों की खेप का हिस्सा थे, जिनका इस्तेमाल मुंबई बम धमाकों में किया गया था. इन धमाकों में 257 व्यक्ति मारे गये थे और 700 से ज्यादा जख्मी हो गए थे. मुंबई की टाडा अदालत ने 6 साल की सजा सुनाई थी, लेकिन शीर्ष अदालत ने इसे घटाकर 5 साल कर दिया था.