कड़ी सुरक्षा वाले मुंबई के आर्थर रोड जेल के ‘अंडा’ सेल में बंद अभिनेता संजय दत्त इसमें ‘घुटन’ महसूस कर रहे हैं और उन्होंने टाडा अदालत से गुहार लगाई कि उन्हें दूसरी कोठरी में भेजा जाए क्योंकि वह आतंकवादी नहीं हैं. अंडा सेल में आम तौर पर संदिग्ध आतंकवादियों और खूंखार अपराधियों को रखा जाता है.
दत्त के वकील रिजवान मर्चेंट ने अदालत से मौखिक गुहार लगाई कि उन्हें आर्थर रोड केंद्रीय कारागार के ‘अंडा’ सेल से किसी अन्य कोठरी में स्थानांतरित किया जाए ‘क्योंकि अभिनेता इस कोठरी में अपर्याप्त हवा की वजह से घुटन महसूस कर रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि आम तौर पर आतंकवादियों या खूंखार अपराधियों को अंडा सेल में रखा जाता है ताकि सुरक्षा कारणों से उन्हें अन्य कैदियों से अलग रखा जा सके.
रिजवान ने कहा कि दत्त को टाडा के तहत दोषी नहीं ठहराया गया है और वह आतंकवादी नहीं हैं. उन्हें शस्त्र अधिनियम के तहत दोषी ठहराया गया है और उन्हें अंडा सेल में नहीं रखा जाना चाहिए. वकील ने कहा कि कोठरी में अपर्याप्त हवा है और पर्याप्त रोशनी भी नहीं आती है.
आर्म्स एक्ट में दोषी करार संजय दत्त की आखिरकार सजा शुरू हो गई. गुरुवार को आर्थर रोड जेल में उन्होंने सजा की पहली रात काटी. बैरक नंबर 12 में उनकी सजा की ये पहली रात अकेले कटी.
संजय दत्त सुप्रीम कोर्ट में सुधारात्मक याचिका दायर करने की योजना बना रहे हैं. उन्हें आज पुणे की यारवदा जेल ले जाया जाएगा.
VIDEO: क्या हैं संजय दत्त की सजा के मायने...
तमाम कानूनी दांव-पेंच आजमाने और उनमें मात खाने के बाद बॉलीवुड के मुन्नाभाई ने आखिरकार गुरुवार की दोपहर स्पेशल टाडा कोर्ट में आत्मसमर्पण कर ही दिया. बड़ी-बड़ी गाड़ियों और बॉलीवुड की कई मशहूर हस्तियों के साथ संजय दत्त सरेंडर करने पहुंचे थे. पत्नी मान्यता भी थीं.
बहरहाल कोर्ट में सरेंडर हुआ और लंबी-चौड़ी कानूनी प्रक्रिया के बाद संजय दत्त को आर्थर रोड जेल भेज दिया गया था. वैसे तो संजू बाबा को सजा पुणे के यरवदा जेल में काटनी है. लेकिन, ज्यादा रात हो जाने के कारण गुरुवार को उन्हें मुंबई के आर्थर रोड जेल में ही रहना पड़ा.
बॉलीवुड के मुन्नाभाई का अंडरवर्ल्ड कनेक्शन...
हालांकि संजय दत्त इससे पहले भी 551 रातें सलाखों के पीछे काट चुके हैं. लेकिन तब वो बतौर मुल्जिम जेल में थे. मुजरिम संजय दत्त की सजा की ये पहली रात थी.
आजतक को जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक जब संजय दत्त आर्थर रोड जेल लाए गए, तो सबसे पहले उनकी पहचान हुई. जेल प्रशासन ने उनकी फोटो खींची. संजय दत्त अपने साथ एक बैग लेकर आए थे. बैग में तीन किताबें थीं, टुथ ब्रश, पेस्ट, एक ट्राउजर, एक-एक शर्ट और टी-शर्ट और उनकी रोज की दवाएं थीं. कानून व हालात के आगे बेबस संजय का सरेंडर
बैग चेक करने के बाद संजय दत्त को बैरेक नंबर 12 में भेज दिया गया. बैरेक नंबर 12 में संजू बाबा अकेले ही हैं. जेल पहुंचते ही संजय दत्त ने कहा कि वो बहुत थक गए हैं और बस आराम करना चाहते हैं. कोर्ट के आदेश के मुताबिक, उनके लिए घर से ही खाना बनकर आया था.