संजय दत्त जब जेल में थे तब उनके पिता सुनील दत्त बेबस थे. 18 महीने जेल में रहने के दौरान ही संजय दत्त ने अपने जन्मदिन पर पिता के नाम चिट्ठी भेजी थी.
संजय ने लिखा था...
आज मेरा जन्मदिन है लेकिन सही मायने में मैं अपना जन्मदिन उसी दिन मनाऊंगा, जब आप लोगों की दुआ से मैं इस चक्रव्यूह से मुक्त हो पाऊंगा.
दंगों के बाद पीडि़तों के साथ काम करते वक्त मैंने महसूस किया कि ये दंगे सांप्रदायिक नहीं राजनीतिक थे, ये सब राजनीतिक लाभ के लिए किया गया था, इसके बाद मेरे परिवार को काफी धमकियां भी मिली. ऐसे ही एक दिन एयरपोर्ट से निकलते समय मुझे गिरफ्तार कर लिया गया और गहरी साजिश में फंसा दिया गया.
(यह चिट्ठी संजय दत्त ने अपने जन्मदिन पर जेल से अपने पिता सुनील दत्त को लिखी थी)
15 महीने बाद 18 अक्टूबर 1995 को संजय दत्त जेल से जमानत पर रिहा कर दिए गए लेकिन उनके दामन पर ऐसा दाग लग चुका था, जिसका मिटना नामुमकिन था.