आगरा में जबरन धर्मांतरण पर अब सियासी बवाल मचने लगा है. परिवारों की शिकायत के बाद पुलिसिया कार्रवाई शुरू हो गई है, जबकि राजनीतिक गलियारों में बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. संसद के दोनों सदनों में विपक्ष ने इस बाबत मुद्दा उठाया है, वहीं सपा नेता राजेन्द्र चौधरी का कहना है कि जबरन धर्म परिवर्तन को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है और यूपी सरकार इस ओर जांच करवाएगी, वहीं शिवसेना नेता संजय राउत ने इस ओर FIR को झूठा करार दिया है.
अपने बयान में संजय राउत ने भारत को हिंदू राष्ट्र बताते हुए कहा कि आगरा में धर्म परिवर्तन जबरन नहीं करवाया गया है. इस ओर दर्ज की गई एफआईआर झूठी है. यही नहीं, राउत ने कहा कि भारत एक हिंदू राष्ट्र है और यहां हिंदुओं के खिलाफ लगातार सजिश रची जाती है.
संजय राउत ने कहा, 'गलत आधार पर धर्म परिवर्तन नहीं करना चाहिए, लेकिन आगरा में ऐसा नहीं हुआ है. हम सब जानते हैं वहां सरकार किसकी है और वहां कैसी राजनीति होती है. लेकिन हिंदुस्तान में कोई वापस आना चाहते हैं तो अपने धर्म में स्वागत है. जिसकी सरकार है उनकी ही चलेगी. एफआईआर झूठी है. हिंदुओं के खिलाफ साजिश होती रहती है.'
दूसरी ओर, कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि अगर भारत जैसे सेक्युलर देश में जबरन धर्म परिवर्तन करवाया जा रहा है तो केंद्र सरकार को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए.
बीजेपी नेता कलराज मिश्र ने भी आरोपों और एफआईआर को झूठा करार देते हुए कहा कि मामले में सभी आरोप बेबुनियाद हैं. धर्मांतरण जबरन नहीं करवाया गया है. लोगों ने अपनी इच्छा से हिंदू धर्म को अपनाया है.