महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) और शिवसेना के बीच सरकार गठन को लेकर खींचतान जारी है. चुनाव से पहले दोनों पार्टियों का गठबंधन सरकार गठन पर उलझ गया है. दोनों राजनीतिक पार्टियों में सहमति नहीं बन पा रही है. शिवसेना जहां सरकार में बड़ी हिस्सेदारी चाहती है, वहीं बीजेपी इसके लिए तैयार नहीं है.
इसी बीच शिवसेना के दिग्गज नेता संजय राउत ने सरकार गठन पर बड़ा बयान दिया है. संजय राउत ने कहा कि बीजेपी महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी है, बीजेपी को सरकार बनाने के लिए पहला अवसर देना चाहिए. अगर बीजेपी सरकार बनाने में फेल होती है तो हम सरकार बनाएंगे. संजय राउत ने इस दौरान दस्तावेज भी दिखाए और कहा कि हमरे पास बहुमत है. संजय राउत ने दस्तावेज दिखाते हुए कहा कि देखिए सब कुछ तैयार है.
भाजपा के पास जादुई आंकड़ा पाने के लिए ईडी और गवर्नर हाउस
संजय राउत ने कहा, 'सबसे पहले भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है, उन्हें पहले सरकार बनाने का अवसर मिलना चाहिए. वे कांग्रेस और एनसीपी से इतने लोगों को ले गए और उनके साथ वे 105 तक ही पहुंच पाए. वे अयाराम-गयाराम (कांग्रेस एनसीपी) की राजनीति करते हैं. उन्हें पहला अवसर मिलना चाहिए. उनके पास 145 का जादुई आंकड़ा पाने के लिए ईडी और गवर्नर हाउस हैं. इसके बावजूद आज वे राष्ट्रपति शासन की धमकी दे रहे हैं.'
लेकिन अगर आप सरकार बनाने में नाकाम रहे तो शिवसेना 145 का जादुई आंकड़ा देगी. शिवसेना सरकार बनाने में बहुत सक्षम है. हमने ऐसे लोगों के लिए समर्थन पत्र तैयार किया है जो सरकार बनाने में हमारी मदद करेंगे. अगर बीजेपी सरकार बनाने में विफल रहती है तो हम इसे राज्यपाल के पास ले जाएंगे.
हमारे पास बहुमत है. मैं हावा में नहीं बोल रहा. संजय राउत उन कागजों को दिखाते हुए कहा कि हमारे पास समर्थन है और हम सरकार बनाएंगे. उन्होंने कहा, 'इस दस्तावेज़ को देखें सब कुछ तैयार है. मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि हमारे पास आंकड़ा है. लेकिन पहले बीजेपी को मौका दें.'
उन्होंने कहा, 'हां सरकार बनाने में बहुत देरी हुई है. बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है जिसे उन्हें सरकार बनाने के लिए दांव पर लगाना चाहिए. उनके पास नवनिर्वाचित विधायकों की सूची है, उन्हें सूची सौंपनी होगी. संदेह है कि वे इसे क्यों नहीं कर रहे हैं. ऐसा लगता है कि बीजेपी सरकार बनाने में नाकाम रही है. यहां गवर्नर को सरकार बनाने के तरीके खोजने का पूरा अधिकार है. राज्यपाल को सू मोटो कार्रवाई करनी चाहिए थी जो नहीं हो रही है. हम भी बहुत चिंतित हैं.'
अब तक मैंने देखा है कि कोई भी कार्यकाल खत्म होने तक प्रतीक्षा नहीं करता है, इससे पहले वो केवल शपथ ले रहे हैं. 9 नवंबर इस सरकार का आखिरी दिन है, इस बार मुझे लगता है कि आखिरी सांस तक अंतिम समय तक देवेंद्र फड़नवीस सीएम बने रहेंगे. उसके बाद देवेंद्र फडणवीस और राज्यपाल क्या करेंगे, हम क्या नहीं जानते.