आम आदमी पार्टी (आप) ने चुनाव आयोग पर एक बार फिर बड़े आरोप लगाए हैं. संसदीय सचिव मामले में 'आप' के 20 विधायकों को हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद पार्टी नेताओं ने दिल्ली विधानसभा में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान चुनाव आयोग के फैसले पर सवाल खड़े करते हुए विपक्षी दलों से साथ आने की अपील की है.
आप पार्टी ने कर्नाटक चुनाव की तारीखों को बीजेपी आईटी के प्रमुख द्वारा घोषणा से पहले ट्वीट करने का आरोप लगाते हुए निष्पक्ष जांच की मांग उठाई है. पार्टी नेताओं ने देश के सभी विपक्षी दलों से मुलाकात करने की जानकरी देते हुए केंद्र की बीजेपी सरकार को ईवीएम से लेकर 'आप' विधायकों के मामले में शामिल होने का आरोप भी लगाया है.
राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि मौजूदा वक्त में चुनाव आयोग निष्पक्षता के साथ कार्रवाई नहीं कर रहा है, चाहे वो ईवीएम का मसला हो या फिर दिल्ली में 20 विधायकों का मामला हो, या फिर गुजरात या हिमाचल की चुनाव तारीखों का मामला हो, कई बार तो यह हुआ कि चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री की रैलियों तक का इंतजार किया और उसके बाद ही चुनाव की तारीखों का एलान किया गया.
उन्होंने कहा, 'भारतीय जनता पार्टी के आईटी सेल के प्रमुख ने कर्नाटक चुनाव की तारीख़ो का एलान चुनाव आयोग से पहले ही कर दिया, उससे ये साबित हो जाता है कि देश का निर्वाचन आयोग आज पूरी निष्पक्षता से काम नहीं कर रहा है, निर्वाचन आयोग भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर काम कर रहा है. अगर इस मामले में दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है तो 2019 के लोकसभा चुनाव निष्पक्ष नहीं पाएंगे.'
आम आदमी पार्टी ने हाईकोर्ट से राहत पाने वाले 20 विधायकों के संसदीय सचिव मामले पर भी चुनाव आयोग को जमकर घेरा. संजय सिंह ने कहा कि जिस तरह से पूरे देश के सामने है कि पूर्व चुनाव आयुक्त ए के ज्योति ने अपने रिटायर होने से एक दिन पहले पार्टी के 20 विधायकों को अयोग्य घोषित करने का फैसला लिया था वो पूरी तरह से बीजेपी के इशारे पर ही हुआ था और वो फैसला भारतीय जनता पार्टी का ही था.