दिल्ली की पटियाला अदालत ने बीएमडब्ल्यू कांड में संजीव नंदा को दोषी करार दिया है. अदालत में नंदा को भारतीय दंड संहिता की धारा 304 भाग-2 के तहत गैर इरादतन हत्या का दोषी पाया गया. अदालत ने इसी मामले के सह-अभियुक्त माणिक कपूर को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है. जबकि तीन अन्य अभियुक्तों राजीव गुप्ता, भोलानाथ और श्याम सिंह को धारा 201 के तहत सबूत मिटाने का दोषी पाया है.
अदालत ने आज सजा की अवधि का ऐलान नहीं किया है. सजा की अवधि का ऐलान अदालत कल करेगी. इस धारा के अंतर्गत दोषी को अधिकतम 10 साल की सजा हो सकती है. पिछले 9 सालों से चल रहे इस मामले की कानूनी लड़ाई में कई ऐसे मौके आए जब गवाह मुकर गए. इसी मामले में गवाहों को घूस देने के मामले का भी पर्दाफाश हुआ. अदालत ने इस मामले पर इसी साल 26 अगस्त को सुनवाई पूरी कर ली और फैसला सुरक्षित रख लिया था. संजीव नंदा पूर्व जल सेना अध्यक्ष एडमिरल एस एम नंदा के पोते हैं.
चर्चित बीएमडब्ल्यू मामले में 10 जनवरी 1999 की रात दिल्ली के लोधी रोड इलाके में एक बीएमडब्ल्यू कार से कुचलकर 3 पुलिसवालों समेत 6 लोगों की मौत हो गई थी. जिन छह लोगों की इस हादसे में मौत हुई थी उनके नाम हैं कांस्टेबल राजन कुमार, कांस्टेबल राम राज, कांस्टेबल पेरू लाल, मेहंदी हसन, नाज़िर और गुलाम. पुलिस के अनुसार यह गाड़ी दिल्ली के एक बड़े घराने से ताल्लुक रखनेवाले संजीव नंदा चला रहे थे. इस गाड़ी में संजीव के साथ उसका दोस्त माणिक कपूर भी सवार था. इन दोनों लोगों पर नशे की हालत में कार चलाने का आरोप था.