scorecardresearch
 

श्रीसंत के लिये ‘संजीवनी’ साबित हुआ मैदान पर ‘शांत व्यवहार’: किरमानी

पूर्व क्रिकेटर सैयद किरमानी ने 18 महीने बाद वापसी कर भारत को 100वीं टेस्ट जिताने में अहम भूमिका निभाने वाले एस श्रीसंत के प्रदर्शन पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि अगर यह तेज गेंदबाज इसी लगन से अनुशासित गेंदबाजी करता रहेगा तो सफलता उसके कदम चूमेगी.

Advertisement
X

पूर्व क्रिकेटर सैयद किरमानी ने 18 महीने बाद वापसी कर भारत को 100वीं टेस्ट जिताने में अहम भूमिका निभाने वाले एस श्रीसंत के प्रदर्शन पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि अगर यह तेज गेंदबाज इसी लगन से अनुशासित गेंदबाजी करता रहेगा तो सफलता उसके कदम चूमेगी.

‘मैन आफ द मैच’ श्रीसंत ने टीम इंडिया की ओर से पिछला टेस्ट मैच दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कानपुर के ग्रीन पार्क मैदान में ही खेला था. लेकिन गुरुवार को उन्होंने श्रीलंका की पहली पारी में 75 रन देकर पांच विकेट हासिल कर भारत को जीत के करीब पहुंचाया. उन्होंने दूसरी पारी में भी पहला विकेट हासिल किया. पूर्व विकेटकीपर किरमानी ने कहा, ‘‘श्रीसंत की वापसी शानदार है. उसने अनुशासित गेंदबाजी की और वह पुरानी आक्रामकता में नहीं दिखा. यह अनुशासन उसके कैरियर के लिये रामबाण साबित होगा. उसने सभ्‍य गेंदबाज की तरह प्रदर्शन किया, जिसकी उसे बहुत जरूरत थी.’’ तेज गेंदबाज इशांत शर्मा की खराब फार्म को देखते हुए श्रीसंत की यह शानदार वापसी उनके कैरियर के लिये फायदेमंद ही साबित होगी.

उन्होंने कहा, ‘‘उसने कई महीनों के बाद वापसी की है और उसने उतार चढ़ाव और विवादों का सामना किया है, जिससे वह परिपक्व हुआ है.’’ वर्ष 2008 में हरभजन सिंह के साथ आईपीएल मैच में ‘थप्पड़ विवाद’ के बाद ही श्रीसंत चोटों और विवादों के घेरे में घिर गये, जिससे उनका कैरियर करीब करीब खत्म ही हो गया था. बीसीसीआई ने भी श्रीसंत को उनका व्यवहार ठीक करने की चेतावनी दी थी और कहा था कि अगर वह अपने व्यवहार पर काबू नहीं कर पाते तो घरेलू क्रिक्रेट में उन पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है. श्रीसंत ने गुरुवार को हालांकि कहा था कि पूरी दुनिया ने उन्हें गलत समझा, लेकिन किरमानी इस बात से खुश हैं कि उसने वापसी कर खुद को साबित किया.

किरमानी ने हालांकि यह ताकीद भी की, ‘‘उसे भविष्य में अच्छा प्रदर्शन जारी रखने के लिये सिर अपने कंधों पर रखना होगा. उसका व्यक्तित्व में एक नया जोश दिखा और ‘जेंटलमैन’ की तरह खेला जो क्रिकेट भावना के तहत था. मैं तो सभी क्रिकेटरों को सलाह दूंगा कि सभ्‍य खिलाड़ी की तरह खेलो.’’ भारत की सौंवी जीत के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत शानदार उपलब्धि है. टीम इंडिया को बहुत बहुत बधाई. टीम इंडिया इसी तरह देश का नाम उंचा करो.’’ भारत ने पहला टेस्ट 1932 में खेला था और करीब 20 वर्ष बाद चेन्नई में 1952 में इंग्लैंड के खिलाफ जीत दर्ज की. इस पर उन्होंने कहा, ‘‘उस जमाने में क्रिकेट बहुत अलग था. तब और अब के क्रिकेट में जमीन आसमान का फर्क था. इसमें तब के दौर से काफी बदलाव हुआ है.’’

Advertisement
Advertisement