निलंबित आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट ने आरोप लगाया है कि अहमदाबाद पुलिस उन्हें पर्याप्त सुरक्षा नहीं मुहैया करा रही है और उन्हें तथा उनके परिजन की जान को 'दक्षिणपंथी कट्टरपंथियों और नरेंद्र मोदी के समर्थकों से' बहुत खतरा है. इससे पहले, भट्ट ने आरोप लगाया था कि उनकी सुरक्षा में कटौती की गई है.
पुलिस आयुक्त शिवानंद झा ने कहा था कि खतरे के आकलन के बाद फैसला किया गया कि भट्ट को दो सशस्त्र निजी सुरक्षा अधिकारी मुहैया कराए जाएंगे.
बहरहाल, भट्ट ने शनिवार को यह कहते हुए आयुक्त को पत्र लिखा कि 'कल शाम से मुझे सिर्फ एक सशस्त्र निजी सुरक्षा अधिकारी मुहैया कराया गया है.' भट्ट ने लिखा, 'आपसे अनुरोध है कि आप कृपया इस बात की जांच करें कि असल में कितने निजी सुरक्षा अधिकारी तैनात किए गए हैं.'
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में भट्ट ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर 2002 के सांप्रदायिक दंगों के मामले में आरोप लगाए थे.
शुक्रवार को भट्ट ने अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) को पत्र लिखकर कहा था कि उन्हें और उनके परिजन को पर्याप्त सुरक्षा नहीं मुहैया करायी गई है, जबकि राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इस बाबत आश्वासन भी दिया था. भट्ट ने अपने पत्र में लिखा, 'विभिन्न एजेंसियों द्वारा खतरे से जुड़ी रिपोर्ट और सिफारिशें किए जाने के बावजूद मेरी सुरक्षा के लिए महज एक निजी सुरक्षा अधिकारी मुहैया कराया गया है और मेरे आवास पर एक सशस्त्र संतरी दिया गया है.'
उन्होंने कहा, 'मैं इस बात को नजरअंदाज नहीं कर सकता कि सुप्रीम कोर्ट में मेरी तरफ से 2011 में याचिका दाखिल किए जाने के बाद मेरे लिए और मेरे परिवार के लिए खतरा कई गुणा ज्यादा बढ़ गया है.' भट्ट ने कहा, 'उक्त याचिकाओं में सामने लाए गए सबूतों से दक्षिणपंथी कट्टरपंथियों और मोदी के समर्थकों के दिमाग में मेरे प्रति नफरत पैदा हो गई है.'