पुड्डुचेरी की अदालत ने कांचीपुरम शंकररमन हत्याकांड मामले में कांचीमठ के शंकराचार्य और उनके सहयोगी को बरी कर दिया है. साथ ही इस मामले के सभी आरोपियों को अदालत ने निर्दोष करार दिया है. इस सनसनीखेज मर्डर केस में कांचीमठ के शंकराचार्य और उनके सहयोगी मुख्य आरोपी थे.
नौ साल से ज्यादा समय तक चली कानूनी प्रक्रिया के बाद पुड्डुचेरी के मुख्य जिला एवं सत्र न्यायाधीश सीएस मुरुगन ने निर्णय सुनाया.
दरअसल, कांचीपुरम मठ के वरिष्ठ धर्माधिकारी जयेंद्र सरस्वती और कनिष्ठ धर्माधिकारी विजयेंद्र सरस्वती और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद 2008 से इस मामले की सुनवाई शुरू हुई थी.
क्या है शंकररमन हत्याकांड
कांचीपुरम के वरदराज पेरूमल मंदिर के मैनेजर शंकररमन की हत्या 3 सितंबर 2004 को हुई थी. कांची मठ के धर्मगुरुओं से शंकर रमन का पुराना झगड़ा चल रहा था. कहा जाता है कि शंकर रमन मठ में चल रहे सेक्स स्कैंडल का खुलासा करने वाले थे, इसीलिए उन्हें कत्ल करवा दिया गया. इस मामले में स्वामी जयेंद्र सरस्वती और स्वामी विजयेंद्र सरस्वती को मुख्य आरोपी बनाया गया. पुड्डुचेरी कोर्ट में सुनवाई के दौरान 189 लोगों की गवाही हुई और दोनों तरफ से 5 सौ से भी ज्यादा दस्तावेज पेश किए गए.