दिल्ली में संत रविदास मंदिर को तोड़ने के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान केंद्र सरकार ने रविदास मंदिर के लिए जमीन देने का वादा किया. 200 स्क्वायर मीटर की यह जमीन दक्षिणी दिल्ली में उसी जगह दी जाएगी , जहां मंदिर को तोड़ा गया था.
सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कोर्ट को बताया कि भक्तों की एक समिति को मंदिर निर्माण के लिए सरकार जमीन देगी. कोर्ट ने सरकार के प्रस्ताव को रिकॉर्ड में ले लिया. अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट सोमवार को फैसला सुनाएगा.
Delhi Sant Ravidas temple demolition case: Attorney General K K Venugopal told the Supreme Court today that 200 square metre area of the site can be handed over to a committee of devotees for reconstruction of the temple. pic.twitter.com/munsUA3wq8
— ANI (@ANI) October 18, 2019
क्या है मामला?
बता दें, सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर वन क्षेत्र में मंदिर निर्माण की मांग की गई है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही गुरु रविदास मंदिर को ध्वस्त किया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने नौ अगस्त को दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को ढांचा गिराने का निर्देश दिया था. शीर्ष अदालत के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए डीडीए ने 10 अगस्त को मंदिर ध्वस्त कर दिया था.
इसके बाद गुरु रविदास के अनुयायियों ने इस कार्रवाई का विरोध करना शुरू कर दिया. शीर्ष अदालत ने यह चेतावनी दी है कि कोई भी मंदिर तोड़े जाने का राजनीतिकरण या प्रदर्शन करता है तो उसके खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू की जा सकती है. शीर्ष अदालत के कड़े रुख के बाद गुरु रविदास मंदिर के अनुयायियों के लिए यह कानूनी लड़ाई कठिन हो गई है. अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि इस मुद्दे को कोई राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए