पाकिस्तान में मौत की सजा पाए भारतीय कैदी सरबजीत सिंह की मौत हो गई है. लाहौर के सरकारी जिन्ना अस्पताल में उन्होंने रात सवा एक बजे अंतिम सांस ली. अस्पताल में उनके इलाज की निगरानी कर रहे मेडिकल बोर्ड के प्रमुख ने कहा, 'सरबजीत सिंह नहीं रहे. उनका तड़के एक बजे (भारतीय समयानुसार रात डेढ़ बजे) निधन हो गया.'
लाहौर की कोट लखपत जेल में बंद सरबजीत शुक्रवार को जेल में ही उन पर हुए हमले में गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इसके बाद उन्हें जिन्ना अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनकी मौत की पहली सूचना पाकिस्तानी मीडिया की ओर से दी गई.
भारत ने की शव सौंपे जाने की मांग
भारत ने सरबजीत सिंह के शव को सौंपे जाने की मांग की है. साथ ही सरबजीत सिंह की मौत के मामले की जांच अंतरराष्ट्रीय एजेंसी कराने की मांग की गई है. भारत ने कहा कि सरबजीत सिंह की हत्या की गई है.
प्रधानमंत्री ने जताया गहरा दुख
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सरबजीत सिंह की मौत पर गहरा दुख जताया है. पंजाब सरकार ने सरबजीत के दो बच्चों को सरकारी नौकरी देने की बात कही है.
हरभजन सिंह का ट्वीट, 'बहुत बुरा हुआ'
क्रिकेटर हरभजन सिंह ने ट्वीट करते हुए सरबजीत सिंह के परिवार के साथ संवेदनाएं जताई हैं. उन्होंने लिखा, 'यह जानकर बुरा लगा कि सरबजीत सिंह की पाकिस्तान में मौत हो गई है. मेरी दुआएं उनके परिवार के साथ हैं. भगवान उनकी आत्मा को शांति दें. बहुत बुरा हुआ.'
सरबजीत सिंह 26 अप्रैल से पाकिस्तान के जिन्ना अस्पताल में भर्ती थे. लाहौर से संवाददाता आमिर हमजा ने बताया कि अस्पताल ने उन्हें वेंटिलेटर से हटा लिया है. बताया गया है कि परिवार को इसकी जानकारी दी गई है. सरबजीत सिंह के शव को भारत को सौंपने संबंधी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं. इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों ने बताया कि जिन्ना अस्पताल के अधिकारियों ने सरबजीत की मृत्यु के बारे में उन्हें सूचित किया है.
भारत और पाकिस्तान के बीच ऐसा एग्रीमेंट है कि दोनों देशों में यदि किसी दूसरे देश के कैदी की मौत होती है तो शव को उसके संबंधित देश को सौंप दिया जाता है. भारत की ओर से कसाब के शव को भी पाकिस्तान को सौंपने की बात कही गई थी, लेकिन पाकिस्तान से उसे लेने से इनकार कर दिया था.
इससे पहले दोनों देशों के बीच राजनयिक तौर पर यह बातचीत चल रही थी कि सरबजीत सिंह को डीप कॉमा की हालत में ही भारत को सौंप दिया जाए.
पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में बंद भारतीय कैदी सरबजीत सिंह पर शुक्रवार को दो कैदियों ने हमला कर उसे बुरी तरह घायल कर दिया था. सरबजीत की हालत बेहद नाजुक थी और उन्हें अस्पताल में लगातार वेंटिलेटर पर रखा गया था. इस बीच आधिकारिक सूत्रों के हवाले से खबर आ रही थी कि सरबजीत सिंह की हालत लगातार बिगड़ रही है.
जेल में दो कैदियों ने सरबजीत पर ईंट और ब्लेड से हमला किया था. पहले सरबजीत को जेल के भीतर बने अस्पताल में भर्ती कराया गया. हालत ज्यादा खराब होने पर सरबजीत को एंबुलेंस से जिन्ना अस्पताल ले जाया गया था.
डॉक्टरों ने बताया था कि सरबजीत को जब अस्पताल लाया गया तब उसके सिर में कई गहरे जख्म थे. उसकी श्वासनली में एक ट्यूब लगायी गई थी, ताकि उन्हें वेंटिलेटर से सांस लेने में मदद मिल सके.
सरबजीत सिंह को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में 1990 में हुए बम विस्फोटों में कथित संलिप्तता के लिए सरबजीत को मौत की सजा सुनाई गई थी. इन विस्फोटों में 14 लोग मारे गए थे. सरबजीत की दया याचिकाओं को परवेज मुशर्रफ और अदालतों ने खारिज कर दिया था.
हाल ही में अपना कार्यकाल पूरा करने वाली पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेतृत्व की सरकार ने साल 2008 में सरबजीत की फांसी को अनिश्चितकाल के स्थगित कर दिया था. सरबजीत के परिवार के अनुसार सरबजीत गलत पहचान का शिकार बना था.
साजिश के तहत हमला!
कोर्ट लखपत जेल में बंद सरबजीत पर जानलेवा हमले के पीछे वहां के सुपरिटेंडेंट का हाथ था. दो आरोपी हमलावरों ने पूछताछ में कबूला है कि सुपरिटेंडेंट के कहने पर ही उन्होंने सरबजीत पर जानलेवा हमला किया. घटना के बाद 7 पुलिसवालों को सस्पेंड भी कर दिया गया था.
परिवार के दुख का अंत नहीं
सरबजीत सिंह की बहन ने दलबीर कौर ने बुधवार को कहा था कि उनके भाई की हालत के लिए भारत और पाकिस्तान दोनों जिम्मेदार हैं. इसी के साथ उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग की थी. उन्होंने कहा, 'मैं शुरू से कहती आई हूं कि मेरे भाई सरबजीत की हालत के लिए भारत और पाकिस्तान दोनों की सरकारें जिम्मेदार हैं. अगर वो (पाकिस्तान) बच नहीं सकते तो भारत भी भाग नहीं सकता.'
कल ही भारत लौटा था सरबजीत का परिवार
सरबजीत सिंह का परिवार बुधवार को ही भारत लौट आया था. सरबजीत की बहन दलबीर कौर, पत्नी सुखप्रीत और बेटियां स्वपनदीप और पूनम अटारी-वाघा अंतर्राष्ट्रीय सीमा के जरिए बुधवार साढ़े 11 बजे भारत लौट आईं. ये सभी रविवार को सरबजीत से मिलने पाकिस्तान गई थीं.
इलाज में हुई थी देरी
इससे पहले सरबजीत को अस्पताल ले जाने वाले अफसर ने खुलासा किया था कि उसे 2 घंटे की देरी से अस्पताल पहुंचाया गया. अफसर के मुताबिक, जेल के अधिकारियों को सरबजीत को बिना देर किए अस्पताल में भर्ती कराना था, लेकिन उन्होंने जान-बूझकर उसे देर से अस्पताल भेजा. अधिकारी के मुताबिक अगर सरबजीत को 2 घंटे पहले अस्पताल में भर्ती कराया जा सकता था.