पाकिस्तान में भारतीय कैदी सरबजीत सिंह की मौत के बाद उनकी बहन दलबीर कौर ने कहा है कि उनके भाई को पड़ोसी देश पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने मरवाया है. इसी के साथ उन्होंने कहा कि वे पाकिस्तान की जेलों में बंद दूसरे 'सरबजीत' के लिए लड़ाई लड़ती रहेंगी.
दलबीर कौर के मुताबिक, '(पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली) जरदारी ने (चुनाव में) जीत हासिल करने के लिए मेरे भाई की हत्या करवाई है.'
दलबीर कौर ने कहा कि पाकिस्तान ने भारत की पीठ में छुरा घोपा है. उनके मुताबिक, 'उन्होंने (पाकिस्तान) पहले वाजपेयी की पीठ में छुरा घोपा. अब उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को धोखा दिया है. उन्होंने मेरे भाई की हत्या कर भारत की भावनाओं पर हमला किया है. मेरा भाई इस देश के लिए शहीद हुआ है.'
अपने भाई की मौत से दुखी सरबजीत की बहन ने कहा कि गलत पहचान का शिकार हुए उनके भाई को वापस लाने में तमाम सरकारें नाकाम रहीं. दलबीर कौर ने कहा कि वो साल 2005 से सरबजीत का मुद्दा उठा रही हैं, लेकिन उनकी रिहाई के लिए सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया. उन्होंने कहा, 'अगर कोई कदम उठाया गया होता तो वो अभी जिंदा होता.'
दलबीर कौर ने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान के मानवाधिकार कार्यकर्ता और पूर्व मंत्री अंसार बर्नी ने उनके भाई की रिहाई के लिए 25 करोड़ रुपये मांगे थे. उन्होंने कहा, 'अगर मैंने 2 करोड़ रुपये दे दिए होते तो आज मेरा भाई जिंदा होता. बर्नी ने मुझसे कहा अगर सरबजीत के बदले 25 करोड़ रुपये दे दोगी तो उसे रिहा कर दिया जाएगा. जब मैंने कहा कि मैं गरीब परिवार से हूं तो उन्होंने कहा कि अगर तुम 25 करोड़ रुपये नहीं दे सकती तो कम से कम 2 करोड़ रुपये तो दो.'