कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार पर संकट गहराता नजर आ रहा है. कोलकाता हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी से संरक्षण देने संबंधी राजीव कुमार की याचिका खारिज कर दी है. इसके बाद राजीव कुमार की गिरफ्तारी का रास्ता साफ हो गया है. वहीं सीबीआई की टीम डिप्टी पुलिस कमिश्नर के दफ्तर पहुंच चुकी है, जहां पूर्व पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार का आवास है. सीबीआई ने राजीव कुमार को नोटिस देकर कल तलब किया है.
Kolkata: Central Bureau of Investigation (CBI) teams enters Office of the Deputy Commissioner of Police, South Division, which also includes the residence of former Police Commissioner Rajeev Kumar, after the Calcutta High Court lifted stay on protection from arrest given to him pic.twitter.com/HoN8U1PGWC
— ANI (@ANI) September 13, 2019
इंडिया टुडे के सूत्रों का कहना है कि अब राजीव कुमार के पास गिरफ्तारी के विरोध में कोई संरक्षण नहीं है, इसलिए अब केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) को यह अधिकार है कि वह उन्हें गिरफ्तार कर सकती है. हाईकोर्ट ने राजीव कुमार का यह तर्क खारिज कर दिया कि उन्हें जानबूझ कर निशाना बनाया जा रहा है.
क्या हैं आरोप
राजीव कुमार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी करीबी माना जाता है. राजीव कुमार पर सीबीआई ने आरोप लगाया है कि पोंजी चिंट फंड घोटाला मामले में जो राजीव कुमार ने सबूतों के साथ छेड़छाड़ की. राजीव कुमार घोटाले की जांच कर रही सीआईटी के प्रमुख थे.
सीबीआई ने यह भी आरोप लगाया है कि राजीव कुमार ने कुछ आरोपियों के कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स (CDRs) सीबीआई को हैंडओवर नहीं किए और बाद में जो रिकॉर्ड्स हैंडओवर किए उनसे छेड़छाड़ की गई थी. सीबीआई का दावा है कि राजीव कुमार की ओर से सौंपे गए सीडीआर को जब मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर द्वारा उपलब्ध कराए गए सीडीआर से मैच कराया गया तो वे मैच नहीं हुए.
आरोप है कि सीडीआर को बदलने का मकसद तृणमूल कांग्रेस के उन नेताओं को बचाना था जिनके तार पोंजी चिट फंड घोटाले के प्रमोटर्स से जुड़े थे. सूत्रों ने बताया, 'इसके अलावा बतौर एसआईटी हेड राजीव कुमार ने घोटाले के मुख्य आरोपी सुदीप्तो सेन (शारदा चिट फंड के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर) को लैपटॉप समेत इलेक्ट्रॉनिक उपकरण मुहैया कराए. उस समय आरोपी एसआईटी की हिरासत में था.'
सीबीआई के मुताबिक, शारदा चिंट फंड घोटाले में निवेशकों का (1983 करोड़ का) बड़ा नुकसान होने के बावजूद राजीव कुमार ने रोज वैली जैसा दूसरा पोंजी चिट फंड घोटाला होने दिया.
जब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में गया तो सीबीआई ने इन आरोपों को वहां भी पेश किया था. सुप्रीम कोर्ट ने किसी ऐसी जगह पूछताछ का निर्देश दिया जहां पर कोई दबाव न डाला जा सके. इसके बाद राजीव कुमार से शिलांग में 5 बार पूछताछ हो चुकी है. सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था किराजीव कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरूरत है.
सीबीआई की एक टीम जब राजीव कुमार के आवास पर समन लेकर गई थी तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी धरने पर बैठ गई थीं.