शारदा घोटाले में सीबीआई के शिकंजे में आए TMC नेता व पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री मदन मित्रा ने आरोप लगाया कि जांच एजेंसी उन पर दबाव डालकर सीएम ममता बनर्जी का नाम उगलवाना चाहती है. मदन मित्रा को CBI ने किया गिरफ्तार
कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में हाजिर हुए मदन मित्रा ने मंगलवार को अदालत में कुछ समय के लिए अपनी पैरवी खुद की. मित्रा ने अदालत से गुहार लगाई कि उन्हें सीबीआई को सौंपने की बजाए जेल भेजा जाए या फिर जमानत दे दी जाए.
CBI को 19 दिसंबर तक मिली मित्रा की हिरासत
शारदा घोटाले में गिरफ्तार किए गए मदन मित्रा को स्थानीय अदालत ने 19 दिसंबर तक के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया. अलीपुर अदालत के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हरधन बनर्जी ने मित्रा को सीबीआई की हिरासत में भेजा. अदालत ने उनके आवाज के नमूनों की जांच करने की बात को खारिज कर दिया.
जांच एजेंसी ने मित्रा के लिए पांच दिनों की हिरासत की मांग की थी. अभियोजन पक्ष के वकील ने अदालत को बताया कि मित्रा से हिरासत में पूछताछ के दौरान सीबीआई कुछ सबूत जुटाने में कामयाब रही है, जिससे पता चलता है कि वह इस मामले में सीधे तौर पर शामिल थे. ऐसे में आगे भी उनकी हिरासत की जरूरत है.
मित्रा की जमानत याचिका का विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि सीबीआई को कुछ डिजिटल डाटा मिला है, जिसे केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान लैब भेजा जाएगा, ताकि एक्सपर्ट्स की राय मिल सके.
सीबीआई के जांच अधिकारी एफबी कर्ण ने अदालत में कहा कि एजेंसी को कुछ डिजिटल डाटा मिले हैं, जिन्हें वेरिफिकेशन के लिए भेजा जाएगा. उन्होंने कहा कि मित्रा की आवाज के नमूनों को भी जांच के लिए भेजा जाएगा और सबूतों से नए नामों और नए तथ्यों का खुलासा होगा. बचाव पक्ष के वकील अशोक मुखर्जी ने कहा कि इस तरह की दलील की कानूनी मंजूरी नहीं है, जब सरकारी अभियोजक खुद उपस्थित हैं और ऐसे में इसे नजरअंदाज किया जाना चाहिए.