शहरी झुग्गीवासियों की सभी जरूरतें पूरी करने के उद्देश्य से शुरू किए गए सरकारी शहरी विकास और आवास मिशन का नाम सरदार पटेल के नाम पर रखा जाएगा. आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्री, एम. वेंकैया नायडू ने गुरुवार को 'विश्व पर्यावास दिवस-शहरी झुग्गियों की पुकार' विषय पर आयोजित कार्यक्रम में यह बात कही. आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय की ओर से आयोजित कार्यक्रम में नायडू ने कहा कि शहरी आवास मिशन जल्द ही शुरू किया जाएगा.
नायडू ने कहा, इसके अंतर्गत 2022 तक सभी को मकान देना सुनिश्चित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री के हर परिवार को घर के आह्वान पर किया जा रहा है और इसके तहत वर्ष 2022 तक तीन करोड़ मकान बनाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि इनका निर्माण सार्वजनिक निजी भागीदारी मॉडल पर होगा.'
उन्होंने कहा, 'इन कार्यों के लिए 50 लाख करोड़ रुपये की जरूरत पड़ेगी. इस राशि में से आवास के लिए 22.5 लाख करोड़ रुपये, मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए 16.5 लाख करोड़ रुपये, शहरी सफाई के लिए 62 हजार करोड़ रुपये की जरूरत पड़ेगी. स्मार्ट सिटी बनाने के लिए भी इस राशि का इस्तेमाल किया जाएगा.'
गैर-सरकारी संगठन 'स्पार्क' की संस्थापक/निदेशक शीला पटेल ने इस अवसर पर कहा कि यह समाधान गरीबों के लिए होगा और परियोजनाएं बनाने तथा उन पर अमल करने में उन्हें भागीदार बनाया जाएगा. संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून ने इस अवसर पर अपने संदेश में कहा कि यह ऐसा एजेंडा है जो किसी को पीछे नहीं छोड़ता. मून कार्यक्रम में उपस्थित नहीं थे. उनका संदेश पढ़कर सुनाया गया.