फ्रांस के राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी ने बुर्का पहनने पर पाबंदी लगाने की घोषणा की है. सरकोजी के इस घोषण से मुस्लिम देशों के बीच तनाव बढ़ने की आशंका जताई जा रही है.
संसद के विशेष सत्र में दिया बयान
फ्रांस के राष्ट्रपति ने एक ऐसा बयान दे दिया है, जिससे न केवल वे खुद चर्चा में आ गए हैं. .सोमवार को संसद के विशेष सत्र में निकोलस सरकोजी ने कहा कि फ्रांस में बुर्का संस्कृति नहीं चलेगी. सरकोजी ने सांसदों से कहा कि बुर्का धर्म का नहीं बल्कि महिलाओं की गुलामी का प्रतीक है और प्रांस गणराज्य की सीमा में इसका बिल्कुल स्वागत नहीं है.
65 सांसदों ने की थी मांग
दरअसल फ्रांस में अलग-अलग दलों के 65 सांसद ये मांग कर रहे थे कि बुर्का पहनने के अधिकार की समीक्षा की जाए और इस बात की भी जांच की जाए कि कहीं बुर्का फ्रांस की धर्मनिरपेक्षता को नुक्सान तो नहीं पहुंचाता. सरकोजी ने इन्हीं सांसदों की मांग को स्वीकार करते हुए कहा उनके देश में बुर्का नहीं चलेगा.
पश्चिमी यूरोप में फ्रांस मुस्लिम बहुल आबादी वाला देश
हालांकि देश की एक मुस्लिम संस्था ने पहले ही कहा था कि संसदीय समिति के ज़रिये इस मुद्दे को उठाना इस्लाम और फ्रांस के मुस्लिमों को बदनाम करना है. पश्चिमी यूरोप में फ्रांस मुस्लिमों की सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है. ऐसे में जबकि नस्ली भेदभाव से जुड़ी कई घटनाएं पहले ही सामने आ रही हैं. सरकोजी के इस बयान से फ्रांस और बाकी देशों में भी तनाव बढ़ सकता है. फ्रांस इसके पहले 2004 में एक कानून बना कर स्कूलों में स्कार्फ और दूसरे धार्मिक प्रतीकों पर रोक लगा चुका है.