पाकिस्तान की ओर से ‘भारी उकसावेपूर्ण’ कार्रवाई किए जाने को रेखांकित करते हुए भारत ने कहा है कि इस देश के साथ सार्थक वार्ता तभी संभव हो सकती है जब वह उसके खिलाफ अपनी सरजमीं से आतंकवादी गतिविधियों की अनुमति नहीं देने की प्रतिबद्धता पर अक्षरश: खरा उतरे.
भारत ने यह भी कहा है कि सीमा पार से घुसपैठ, नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान द्वारा युद्धविराम के उल्लंघन को लेकर ‘सतत चिंताएं’ हैं. विदेश मंत्रालय ने अपनी वर्ष 2009-10 की वाषिर्क रिपोर्ट में कहा है कि हमारी स्थिति यह है कि पाकिस्तान के साथ सार्थक वार्ता केवल तभी हो सकती है जब वह अपनी जमीन का किसी भी रूप में भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल नहीं करने की अपनी प्रतिबद्धता को अक्षरश: पूरा करे.
रिपोर्ट में कहा गया है ‘हमारे लोगों पर लगातार हो रहे आतंकवादी हमलों को लेकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गहरा आक्रोश तथा भारत की जनता को पहुंची ठेस से पाकिस्तान को अवगत करा दिया है और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी से अपील की है कि वह विभिन्न आतंकवादी संगठनों के बीच भेद न करें. सिंह ने उन्हें यह भी कहा कि भारत के लिए खतरा बने सभी आतंकवादी समूहों की गतिविधियों पर स्थायी रोक लगायी जाए.’
विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि मुंबई पर आतंकवादी हमले और ‘पाकिस्तान की ओर से भारी उकसावे की कार्रवाइयों’ के बावजूद दोनों देशों में आम जनता के बीच संपर्क को जारी रखने की अनुमति दी गयी और समग्र वार्ताओं के पिछले दौरों में स्थापित किए गए यातायात संपर्को को सफलतापूर्वक चालू रखा गया और लोगों की आवाजाही तथा द्विपक्षीय कारोबार निर्बाध गति से जारी रहा.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत ने पिछले वर्ष अगस्त में पाकिस्तान सरकार के ‘तथाकथित गिलगिट-बालटिस्तान सशक्तिकरण तथा स्व प्रशासन आदेश 2009 और पिछले वर्ष नवंबर में गिलगिट बालटिस्तान विधानसभा चुनाव कराने का भी कड़ा विरोध किया था. भारत ने इन दोनों घटनाक्रमों को और कुछ नहीं बल्कि पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर राज्य के कुछ इलाकों को अवैध रूप से कब्जाए जाने की वास्तविकता को ढकने की बनावटी कसरत करार दिया है.
व्यापार तथा वाणिज्य के मामले में मंत्रालय ने कहा है कि पाकिस्तान के साथ भारत का द्विपक्षीय व्यापार वर्ष 2008-09 में 1.78 अरब डालर था जो वर्ष 2007-08 की तुलना में 17 फीसदी अधिक था. रिपोर्ट में इस बात को रेखांकित किया गया है कि भारत ने पाकिस्तान को सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र का दर्जा दे रखा है लेकिन पड़ोसी देश भारत से कुछ उत्पादों के आयात पर प्रतिबंध को जारी रखे हुए है.