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जेल क्या गईं शशिकला: बागियों से जा मिले वफादार, अपनों ने छोड़ा साथ

ई मधुसूदन जैसे पार्टी के कुछ सीनियर नेताओं ने पनीरसेल्वम के पक्ष में शशिकला के खिलाफ बगावत कर दी. इस खेमे ने पार्टी के अंदर बहुमत का दावा किया. इस बीच शशिकला पार्टी की महासचिव चुनी जा चुकी थीं. करीब एक पखवाड़े चले राजनीतिक ड्रामे के पीछे शशिकला खेमे ने बीजेपी पर साजिश रचने का आरोप लगाया.

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शशिकला
शशिकला

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पिछले कई महीनों में उतार-चढ़ाव के बाद ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) के दोनों धड़ों के बीच मर्जर हो ही गया है. सोमवार को मर्जर की औपचारिक घोषणा हुई. मर्जर की अहम शर्त के मुताबिक शशिकला और उनके रिश्तेदारों को पार्टी से बाहर भी जाना पड़ सकता है. शशिकला को उनके अपने ही वफादारों ने ऐसे मौके पर अकेला छोड़ा है, जब वो बेंगलुरु जेल में सजा काट रही हैं. वो और उनके रिश्तेदार आय से अधिक संपत्ति के मामले में फिलहाल जेल में हैं.

सीएम की कुर्सी पर थी शशिकला की नजर

बता दें कि तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता के निधन के बाद ओ पनीरसेल्वम को उनकी जगह कार्यकारी मुख्यमंत्री बनाया गया था. बाद में आम सहमति से पार्टी के अंदर कोई दूसरा सीएम तय किया जाना था. कयास यह भी थे कि खुद शशिकला की नजर सीएम की कुर्सी पर थी. उन्हें विधायक दल का नेता भी चुन लिया गया था. इस कवायद के बीच पार्टी के आदेश पर पनीरसेल्वम ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था.

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शशिकला पर पनीलसेल्वम के आरोप

तमिलनाडु के राज्यपाल विद्यासागर राव के बाहर होने की वजह से शशिकला दावा पेश नहीं कर पाई थीं. इस बीच तेजी से घटित नाटकीय घटनाक्रम में चेन्नई में अम्मा की समाधि पर आधा घंटा बैठकर लौटे पनीरसेल्वम ने शशिकला पर जयललिता की मौत को लेकर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि उन्हें कुर्सी छोड़ने के लिए मजबूर किया गया.

बीजेपी पर भी लगे आरोप

ई मधुसूदन जैसे पार्टी के कुछ सीनियर नेताओं ने पनीरसेल्वम के पक्ष में शशिकला के खिलाफ बगावत कर दी. इस खेमे ने पार्टी के अंदर बहुमत का दावा किया. इस बीच शशिकला पार्टी की महासचिव चुनी जा चुकी थीं. करीब एक पखवाड़े चले राजनीतिक ड्रामे के पीछे शशिकला खेमे ने बीजेपी पर साजिश रचने का आरोप लगाया. शशिकला ने पार्टी के अंदर बढ़ते आरोपों से बचने के लिए सीएम की कुर्सी के लिए अपने कदम पीछे खींच लिए. उन्होंने अपने विश्वस्त ई पलानीस्वामी को आगे किया. राज्यपाल ने पलानीस्वामी को सीएम पद की शपथ दिलाई और बहुमत साबित करने को कहा.

विधायकों को बंधक बनाने का आरोप

तमिलनाडु की सियासत में ड्रामा बहुमत साबित होने तक जारी रहा. शक्ति परीक्षण से पहले टूट की आशंका से शशिकला ने करीब 120 समर्थक विधायकों को चेन्नई से दूर एक रिसॉर्ट में ठहरा दिया था. बागी खेमे ने बंधक बनाने का आरोप लगाया. यह मामला अदालत में गया. आदालत के आदेश के बाद सरकार की एक टीम ने मौके पर पहुंचकर रिपोर्ट तैयार की जिसमें विधायकों ने माना कि वो रिसॉर्ट में अपनी मर्जी से रुके हैं. दोनों खेमों ने एक-दूसरे पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का भी आरोप लगाया था.

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शक्ति परीक्षण में झड़प हुई

शक्ति परीक्षण से पहले तमिलनाडु विधानसभा में एआईएडीएमके के दोनों धड़ों के बीच झड़प भी हुई. कुर्सियां फेंकी गई. कागज फेंके गए. एमके स्टालिन ने शर्ट फाड़ने का आरोप भी लगाया. हालांकि शशिकला खेमा बहुमत साबित करने में सफल रहा. पलानीस्वामी को 122 वोट मिला. विपक्ष में पार्टी के 11 विधायकों ने वोट डाला. डीएमके-कांग्रेस ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया था.

अलग-थलग पड़ी सबसे ताकतवर महिला

इस बीच सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद शशिकला को जेल जाना पड़ा. हालांकि उनके बेंगलुरु जेल जाने के बाद दोनों खेमों के एक होने की चर्चाएं शुरू हो गईं. शर्त यह थी कि शशिकला को पार्टी की महासचिव पद से हटाया जाए. उनके सभी रिश्तेदारों को भी बाहर का रास्ता दिखाया जाए. सोमवार को दोनों धड़ों के बीच मर्जर हो ही गया. इस तरह जयललिता के बाद तमिलनाडु की सियासत में सबसे ताकतवर महिला जेल जाते ही पार्टी, राज्य की राजनीति से बिलकुल अलग-थलग पड़ गई है.

 

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