वी के शशिकला ने शनिवार को अन्नाद्रमुक के महासचिव पद की जिम्मेदारी संभाल ली है. इस दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने उनके समर्थन में नारे लगाए. अन्नाद्रमुक के शीर्ष पद की जिम्मेदारी संभालने के बाद बड़े भावुक अंदाज में उन्होंने कहा, ‘अम्मा हमेशा मेरे दिल में रहेंगी.’
उन्होंने इस मौके पर कहा कि पिछले 33 वर्षों में वह पार्टी की बैठकों में जयललिता के साथ रही हैं और अन्नाद्रमुक कई वर्षों तक शासन करेगी.
कड़ी सुरक्षा के बीच अन्नाद्रमुक के मुख्यालय पहुंचने पर जयललिता की सहयोगी रहीं शशिकला ने पार्टी के संस्थापक एम जी रामचंद्रन की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. इसके बाद उन्होंने जयललिता की तस्वीर पर भी माल्यार्पण किया.
पार्टी मुख्यालय के रास्ते में पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. पोएस गार्डन स्थित आवास से रोयापेट्टा स्थित पार्टी मुख्यालय की सड़क के दोनों ओर बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उनके स्वागत के लिए खड़े थे. सड़कों के किनारे केवल पार्टी के झण्डे, बैनर और जयललिता एवं शशिकला की तस्वीरें नजर आ रही थी. हर जगह बैनर और होर्डिंग में शशिकला को चिनम्मा बताया गया.
गुलाबी किनारे वाली हल्के हरे रंग की साड़ी में मुख्यालय पहुंची शशिकला ने हाथ जोड़कर लोगों का अभिवादन किया. अन्नाद्रमुक के प्रेसिडियम अध्यक्ष ई मधुसूदन, कोषाध्यक्ष और मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम, वरिष्ठ पार्टी नेता और लोकसभा उपाध्यक्ष एम थंबीदुरई ने शशिकला की आगवानी की और पार्टी दफ्तर तक उनके साथ गए. पार्टी नेता उन्हें महासचिव कार्यालय तक ले गए जहां उन्होंने दल के शीर्ष नेताओं से बातचीत की.
शशिकला ने कागजों पर हस्ताक्षर के बाद बाहर इकट्ठा भीड़ को संबोधित किया. उन्होंने कहा, ‘आज अम्मा हमारे बीच नहीं हैं. लेकिन हमारी पार्टी यहां अगले 100 वर्षों तक राज करेगी.' अम्मा की बात करने के दौरान शशिकला भावुक हो गईं.
Sasikala Natarajan breaks down while talking about #Jayalalithaa pic.twitter.com/XGy1gGVBdi
— ANI (@ANI_news) December 31, 2016
उन्होंने कहा, ‘उन दिनों राजनीति में इंदिरा गांधी एकमात्र महिला थीं लेकिन अम्मा ने परंपरा तोड़ी और इतिहास रचा.’
शशिकला ने कहा, ‘अम्मा मेरी जिंदगी हैं, वो 75 दिनों तक संघर्ष करती रहीं लेकिन भगवान ने उन्हें अपने पास बुला लिया. मैं हमेशा अक्का (जयललिता) के विषय में सोचती रहती हूं. यह लोगों की सरकार है और हम अम्मा के दिखाए रास्ते पर चलते रहेंगे. अपनी बाकी जिंदगी के लिए मैं अपनी पार्टी और करोड़ों लोगों के लिए काम करूंगी. अम्मा ने तमिलनाडु के लिए जो सपना देखा था वो कायम रहेगा.’
गौरतलब है कि जयललिता के निधन के बाद इस महीने की 29 तारीख को अन्नाद्रमुक की निर्णय लेने वाली शीर्ष इकाई सामान्य परिषद ने एक प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित कर शशिकला को पार्टी महासचिव नियुक्त किया.