एआईडीएमके, तमिलनाडु, शशिकला और पन्नीरसेल्वम के लिए मंगलवार का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण है. 19 साल पुराने आय से अधिक संपत्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शशिकला को दोषी ठहरा दिया है और उन्हें 4 साल की सजा सुनाई है. शशिकला से जुड़े इस मामले पर फैसला आ चुका है, इसका असर राज्य की राजनीति और पार्टी के भविष्य पर पड़ना तय है. कयास लगाए जा रहे हैं कि शशिकला पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राज्य में पिछले कुछ दिनों से जारी राजनीतिक उठापटक काफी हद तक शांत हो जाएगी.
क्या हैं संभावनाएं
- सजा सुनाए जाने के बाद शशिकला अब लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत मुख्यमंत्री बनने और जेल से रिहाई की तारीख से अगले छह साल के लिए चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हो गईं.
- अब राज्य में पैदा राजनीतिक संकट को हल करने का पूरा दारोमदार राज्यपाल विद्याधर राव पर आ जाएगा. राज्यपाल चाहें तो एजी की राय के अनुसार, फ्लोर टेस्ट भी करवा सकते हैं.
सजा हुई, नहीं लड़ पाएंगी चुनाव
आपको बता दें कि शशिकला तमिलनाडु में सरकार बनाने की तैयारी में थीं. इसी बीच मंगलवार को बेहिसाब संपत्ति के मामले में शशिकला को सुप्रीम कोर्ट ने झटका दे दिया.
हाईकोर्ट से बरी हो चुकी हैं शशिकला
कर्नाटक हाईकोर्ट ने पिछले साल इस मामले में जयललिता और शशिकला को बरी किया था. कोर्ट ने कहा था- जयललिता के पास इनकम से 8.12% संपत्ति थी. यह 10% से कम है जो मान्य है. आंध्र प्रदेश सरकार तो इनकम से 20% ज्यादा प्रॉपर्टी होने पर भी उसे जायज मानती है, क्योंकि कई बार हिसाब बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया जाता है. जो संपत्ति खरीदी गईं, उसके लिए आरोपियों ने नेशनलाइज्ड बैंकों से बड़ा कर्ज लिया था. लोअर कोर्ट ने इस पर विचार नहीं किया. यह भी साबित नहीं होता कि इमूवेबल प्रॉपर्टी काली कमाई से खरीदी गईं। निचली अदालत का फैसला कमजोर था.