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42 घंटे बाद भी लापता AN-32 विमान का सुराग नहीं, खराब मौसम से सर्च ऑपरेशन में बाधा

सैटेलाइट, स्पाई एयरक्राफ्ट, फायटर प्लेन, हेलिकॉप्टर और सेना के जवान के जरिए लापता हुए भारतीय वायुसेना के विमान एएन-32 को ढूंढने की कोशिश जारी है.

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विमान एएन-32 (फाइल फोटो)
विमान एएन-32 (फाइल फोटो)

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लापता हुए भारतीय वायुसेना के विमान एएन-32 को ढूंढने की कोशिश जारी है. 42 घंटे पहले एएन-32 विमान 8 क्रू मेंबर्स और 5 लोगों को लेकर असम के जोरहाट से अरुणाचल प्रदेश के लिए निकला था. सोमवार दोपहर 1 बजे के बाद से विमान से संपर्क नहीं हो पा रहा है. 42 घंटे हो गए और सर्च ऑपरेशन अब तक जारी है. खराब मौसम के कारण सर्च ऑपरेशन में दिक्कत आ रही है. सैटेलाइट, स्पाई एयरक्राफ्ट, फायटर प्लेन, हेलिकॉप्टर और सेना के जवानों का ऑपरेशन अभी जारी है.

लापता हुए विमान एएन-32 में आधुनिक एवियोनिक्स, रडार या आपातकालीन लोकेटर ट्रांसमीटर (ईएलटी) नहीं थे. विमान का आखिरी लोकेशन अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम सियांग जिले में चीन सीमा के करीब मिला था. माना जा रहा है कि विमान इस लोकेशन के आस-पास ही होगा.

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पांच जिलों की पुलिस तलाश में जुटी

अरुणाचल प्रदेश के गृह मंत्री बमांग फेलिक्स ने कहा कि हमने पांच जिलों के नागरिक और पुलिस प्रशासन को इस सर्च ऑपरेशन में लगाया है. साथ ही हमने स्थानीय लोगों से भी अभियान में प्रशासन से जुड़ने की अपील की है. जिस क्षेत्र में विमान के लापता होने की आशंका है, वह घने जंगलों और दुर्गम है. मौसम भी खराब है, लेकिन हमें कुछ खबरें मिलने की उम्मीद है.

पी-8आई विमान भी तलाश में लगे

नौसेना के प्रवक्ता कैप्टन डीके शर्मा ने बताया कि तमिलनाडु के अराकोनम में तैनात आईएनएस राजाली से दोपहर करीब एक बजे पी-8आई विमानों ने उड़ान भरी. यह एएन-32 की तलाश कर रहे हैं. पी-8आई एयरक्राफ्ट इलेक्ट्रो ऑप्टिकल और इन्फ्रारेड सेंसर्स से लैस है. इस विमान में बेहद शक्तिशाली सिंथेटिक अपर्चर राडार (एसएआर) लगे हुए हैं.

इसरो की भी ली जा रही है मदद

लापता विमान की खोजबीन के लिए भारतीय वायु सेना के सी-130, एएन-32 विमान, भारतीय वायुसेना के दो एमआई-17 और भारतीय सेना के एएलएच हेलीकॉप्टरों को लगाया गया. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) भी उपग्रहों की मदद से बचावकर्ताओं को सहयोग कर रहा है.

क्या टेक्नोलॉजी और अपग्रेड की मार का शिकार हुआ विमान?

इस बीच एक जानकारी यह सामने आई कि लापता विमान अपग्रेड नहीं था. यानी उसका सॉफ्टवेयर उसी पुरानी तकनीक पर चल रहा था जैसी तकनीक उसे खरीदते वक्त मिली थी. ऐसे में यह आशंका प्रबल हो गई है कि तकनीक की गड़बड़ी से विमान कहीं अपना रास्ता तो नहीं भटक गया?  

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तीन साल पहले भी लापता हुआ था विमान

बता दें, तीन साल पहले 2016 में भी इसी बेड़े का एक विमान (एएन-32) बंगाल की खाड़ी के ऊपर लापता हो गया था. उसकी तलाशी में भी हर वो जतन किए गए जो सेना कर सकती थी मगर अफसोस कि उसका मलबा अभी तक नहीं मिल पाया है.

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