scorecardresearch
 

व्यंग्य: साहेब आपो लेइए लीजिए भारत रत्न, का मालूम ई सब...

"ई देखिए. सुसमा जी, बसुंधरा जी आ अब सिवराज... सबके सब रायता फैला रखे हैं. ई तो केजरीवाल को भी फेल कर दिए हैं.

Advertisement
X
नरेंद्र मोदी, अमित शाह
नरेंद्र मोदी, अमित शाह

Advertisement

मुजफ्फरपुर रैली की तैयारियों का जायजा लेने मोदी जी पटना पहुंचे थे. अमित शाह वहां पहले से ही डटे हुए थे. मोदी जी लोकल मुद्दों को लेकर मतदाताओं का मूड डिस्कस करना चाहते थे. असल में अमित शाह के फीडबैक पर ही मोदी जी अपने चुनावी भाषण का खाका तैयार करते हैं.

"हां तो, अमित भाई..." बीच में ही अमित शाह ने मोदी की बात काट दी - और... उन्हें एक टक घूरे जा रहे थे.

"साहेब, आपो ले ही लीजिए..."

"क्या? क्या ले लें, अमित भाई?"

"भारत रत्न."

"भारत रत्न!"

मोदी को समझ नहीं आ रहा था, ये अमित शाह को हो क्या गया? कहां रैली को लेकर बात करनी थी - और क्या ले के बैठ गए.

"अरे ऊ आपके दोस्त बराक ने भी तो अइसहीं नोबेल ले ही लिया था न."

Advertisement

"हां, तो..."

"का मालूम ई सब कौन कौन तमासा करेंगे. हमको तो अब डर लगने लगा है, साहेब."

मोदी जी चुपचाप उनकी बातें सुन रहे थे.

"ई देखिए रहे हैं. ललित मोदिया नरक मचाए हुए है. दिल्ली-जयपुर-मुंबई ई सभिए को बुलेट ट्रेन से भी तेज दौड़ा रहा है."

"ई देखिए. सुसमा जी, बसुंधरा जी आ अब सिवराज... सबके सब रायता फैला रखे हैं. ई तो केजरीवाल को भी फेल कर दिए हैं.

पूरा पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें या www.ichowk.in पर जाएं.

आईचौक को फेसबुक पर लाइक करें. आप ट्विटर (@iChowk_) पर भी फॉलो कर सकते हैं.

Advertisement
Advertisement