ओबामा के भारत आगमन पर यहां की तैयारियां देख मुझे अपना बचपन याद आ गया, जैसे ही कोई मेहमान आने को होता कबाड़ पलंग के नीचे डाला जाने लगता, तैयारियां तो कुछ यूं हो रही हैं जैसे दामाद पहली बार ससुराल आ रहा हो, ओबामा के सुरक्षा दस्ते के नखरे भी कुछ ऐसे ही हैं, राजपथ के ऊपर से विमान नही उड़ेंगे, ओबामा सिर्फ ‘द बीस्ट’ में चलेंगे, होटल के कमरे से नहीं निकलेंगे.
अमेरिकी मीडिया ओबामा की भारत यात्रा को ज्यादा भाव नहीं दे रहा और इसे ओबामा के शासन की कमजोर कड़ी बता रहा है. लेकिन भारत में उनके दौरे को लेकर जश्न सा माहौल है जो साफ़ दिखाता है कि भले हम कितना भी विश्वशक्ति बनने का ढोल पीट लें, एक रोज कोई अमेरिकी आता है और ताजमहल के सामने फोटो खींचा ले और हम बिछ-बिछ जाते हैं.
अमेरिका अपने राष्ट्रपति की भारत यात्रा पर 200 मिलियन डॉलर खर्च कर रहा है, विदेशियों की यही फिजूलखर्ची मुझे पसंद नहीं आती इसके आधे दाम में वो चाहते, तो पाकिस्तान जैसा छोटा-मोटा मुल्क खरीदकर हमेशा के लिए हमारे पड़ोस में सेटल हो सकते थे, पाकिस्तान की बात ही निकली तो बताते चलें पाकिस्तान आजकल पेट्रोल की अभूतपूर्व किल्लत से जूझ रहा हैं, शायद इसलिए कि वहां का सारा पेट्रोल लश्करे झंगवी सरीखे गुटों ने शिया-सुन्नी संघर्ष में एक-दूसरे पर पेट्रोल बम दाग-दागकर फूंक डाला.
पेट्रोल की कमी होने पर भी पाकिस्तानी इस बात पर ही खुश हो सकते हैं कि अब भी उनके पास खाली टैंक वाली कारें बची हैं जो कार बम विस्फोटों में इस्तेमाल होने से तो बच गईं. याद हो जब ओबामा ने भारत दौरे की सहमति दी थी तो नवाज शरीफ ने उनसे पाकिस्तान आने का भी अनुरोध किया था, अब जबकि पाकिस्तान में पेट्रोल की इतनी किल्लत है और ओबामा अपने साथ तीस गाड़ियों का काफिला भी ला रहे हैं नरेन्द्र मोदी को मजे लेने के लिए उन्हें पाकिस्तान जाने की सलाह दे डालनी चाहिए.
लौटते वक़्त उपहारस्वरूप नरेन्द्र मोदी मिशेल ओबामा को सौ बनारसी साड़ियां भी देंगे, सवाल उठने शुरू हो गए कि वो सब तो ठीक है पर ओबामा वाशिंगटन में पीको-फॉल की दुकान कहां खोजेंगे, शायद अब ओबामा को भी समझ आ जाए कि दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश को सँभालने से कहीं ज्यादा मुश्किल साड़ी के रंग से मिलता हुआ फॉल और धागा खोज लाना होता है, ये तो नहीं पता कि अमेरिका के राष्ट्रपति को तनख्वाह कितनी मिलती है पर मिशेल ओबामा को एक बार साड़ियों का चस्का लग गया, तो महीने के अंत तक ओबामा आम हिन्दुस्तानियों की तरह बटुआ खंगालते नजर आएंगे.
चलते-चलते~ ओबामा की दामाद सरीखी आवभगत की तैयारी देख ख्याल आया. अगर अमेरिका की फर्स्ट लेडी सच में कोई हिन्दुस्तानी होती, तो व्हाइट हाउस की छत पर भी मूंग की दाल और कुम्हड़े की बड़ियां सूखती नजर आतीं.