फोन की घंटी जोर जोर से बज रही थी. विदेश सचिव एस जयशंकर अपने मोबाइल पर किसी को ब्रीफ कर रहे थे. उन्हें सार्क देशों की यात्रा पर निकलना था. दो पूरी रिंग के बाद जब तीसरी बार घंटी बजी और वो भी ऑफिस ऑवर के बाद तो उन्होंने मोबाइल कॉल को होल्ड कर फोन उठाया. भारतीय उच्चायोग, इस्लामाबाद से अर्जेंट फोन था.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भारतीय उच्चायुक्त को तलब किया था. पाकिस्तान ने इस बार एक नायाब इल्जाम लगाया था. पाकिस्तान का कहना था कि भारत उसके खिलाफ विज्ञापनों के जरिये साजिश रच रहा है. पाकिस्तान ने चेतावनी दी कि भारत फौरन ऐसी गतिविधियों पर लगाम लगाए वरना शांति की अब तक की सारी कोशिशें मिट्टी में मिल जाएंगी.
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के अधिकारियों को इस बात पर कड़ा एतराज था कि 'मौका-मौका...' वाले विज्ञापन को एक साजिश के तहत सोशल मीडिया पर प्रमोट किया जा रहा है. बात उस विज्ञापन की है जिसमें पाकिस्तान का एक क्रिकेट फैन विश्वकप में भारत से लगातार हार के कारण पटाखे फोड़ नहीं पाता. पाकिस्तान का आरोप है कि भारत टीम इंडिया को जिताने के लिए ही ये कैंपेन चला रहा था - और उसमें वो कामयाब भी रहा. आरोप है कि स्टार स्पोर्ट्स से साठ-गांठ कर भारतीय खुफिया एजेंसी सोशल मीडिया पर उस विज्ञापन को लगातार प्रमोट कर रही है.
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने भारत की ताजा मुहिम को परमाणु हथियारों से भी ज्यादा खतरनाक बताया है. पाक सरकार को भेजी अपनी रिपोर्ट में आईएसआई ने कहा है कि परमाणु बम का तो वो आसानी से मुकाबला कर लेंगे. इस ऐड कैंपेन को आखिर कैसे रोका जाए. वैसे भी इंटरनेट पर चलती किसकी है. एक बार जो चीज वायरल हो जाए वो तो उसके भी हाथ से निकल जाती है जिसने उसकी शुरुआत की है. अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भी ये बात कबूल कर चुके हैं कि इंटरनेट पर काबू पाना किसी के बूते की बात नहीं है.
आईएसआई का कहना है कि जिस तरह इराक द्वारा इजरायल पर स्कड मिसाइल दागे जाने की हालत में अमेरिका अपने पैट्रियाट से मुकाबला कर लेता था वैसे उपाय तो पाकिस्तान के पास भी हैं.
लेकिन जिस तरह मुहिम चलाकर भारत पाकिस्तान पर मनोवैज्ञानिक दबाव बना रहा है उसका मुकाबला कैसे किया जाए. आईएसआई ने सरकार को समझाया है कि कैसे भारत धीरे धीरे अपनी मुहिम में कामयाब होता जा रहा है.
आईएसआई ने अपनी रिपोर्ट में कुछ उदाहरण भी दिये हैं. आईएसआई ने प्रधानमंत्री मोदी को राजनीति और कूटनीति का 'डेडली कॉम्बो' और दुनिया का बेहद होशियार पॉलिटिशियन बताया है जो पाकिस्तान के खिलाफ 'स्वीट प्वाइजन' का स्ट्रैटेजिकली इस्तेमाल कर रहे हैं. रिपोर्ट मे कहा गया है कि प्रधानमंत्री के शपथग्रहण में सार्क नेताओं को इसलिए बुलाया गया कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री कोई बहाना न बना सकें. फिर पाकिस्तान के सबसे खास दोस्त अमेरिकी राष्ट्रपति को गणतंत्र दिवस पर मेहमान बनाया गया और मोदी ने ऐसी दोस्ती गांठ ली कि जिसे पूरी दुनिया 'मिस्टर प्रेसिडेंट' के अलावे कुछ भी कहने की हिम्मत नहीं जुटा पाती उसे वह शख्स 'बराक-बराक' कह कर बुला रहा है. और खुद को मिस्टर मोदी कहलवा रहा है.
इतना ही नहीं, मोदी सरकार अपने सियासी चालों में फंसाकर पाक समर्थक पीडीपी के साथ भी गठबंधन कर लिया और उनकी पार्टी बीजेपी वहां मिली जुली सरकार का हिस्सा बन गई.
भारतीय उच्चायोग को विदेश सचिव ने आश्वस्त किया कि उन्हें फिक्र करने की जरूरत नहीं है और सार्क यात्रा के तहत सबसे पहले वो इस्लामाबाद ही पहुंच रहे हैं.
उसके बाद एस जयशंकर ने फौरन इस्लामाबाद की फ्लाइट पकड़ी और जा धमके. पाकिस्तानी विदेश सचिव एजाज चौधरी से मुलाकात हुई. चौधरी पहले तो काफी गुस्से में थे लेकिन दोनों की बातचीत के बाद माहौल थोड़ा खुशनुमा हो गया. सामने कोई कैमरा नहीं था फिर भी दोनों अफसरान नेताओं की तरह देर तक हाथ मिलाते रहे. एजाज ने जयशंकर को खुदा हाफिज कहा. जयशंकर ने भी एजाज को शुक्रिया कहा. एजाज मुस्कुराते हुए विदा होने को हुए कि जयशंकर का मोबाइल बजा. फोन प्रधानमंत्री मोदी का था जिसके लिए खास रिंग टोन सेट था - 'मौका-मौका...'
एजाज गुस्से में तेज कदमों से रुखसत हो लिए.