पहली बात, अगर आप ये मानते हैं कि अपने जज साब सिर्फ कटरीना कैफ के फैन हैं तो इसमें कोई गलत बात नहीं है. लेकिन अगर आपको ये नहीं मालूम कि वो सलमान भाईजान के भी उतने ही बड़े फैन हैं तो बिलकुल गलत बात है. दूसरी बात, साब ने जिस तरह संजू बाबा के लिए संविधान का हवाला देते हुए माफी की अपील की थी, उसी तरह अब वो भाईजान के सपोर्ट में उठ कर खड़े हो गए हैं. डंके की चोट पर जज साब का कहना है कि अगर संविधान के अनुच्छेद 72 और 161 का कोई अध्ययन करे (जो सिर्फ 10 फीसदी लोगों के लिए ही संभव है) तो इनमें कहीं नहीं लिखा है कि अपील कोई और नहीं कर सकता. तीसरी बात, फिलहाल बात कर रहे हैं जस्टिस मार्कंडेय काटजू की जिन्होंने सलमान भाई को हर-हाल-में-माफी देने की 'अपील' की है.
जस्टिस काटजू ने अपने ब्लॉग सत्यम् ब्रूयात् पर सलमान के पक्ष में 10 दलीलें दी हैं... हालांकि ये पोस्ट अभी पब्लिश नहीं हुई है.
1. क्योंकि सलमान भाईजान किसी एक के एजेंट नहीं है, बल्कि वो एक डबल-एजेंट हैं. इनकी ईश्वर और अल्लाह दोनों में आस्था है. ये कोई फिल्मी डायलॉग नहीं है बल्कि ये बयान वो देश के ही एक कोर्ट में दर्ज करा चुके हैं - जो बतौर सबूत कभी भी उपलब्ध हो सकता है.
2. क्योंकि सलमान भार्ईजान ने जड़ों तक जकड़ी जाति व्यवस्था वाले इस मुल्क में एक नई जाति इजाद की है: हिंदू-मुसलमान. मेरा मानना है कि ये आरएसएस के जातीय व्यवस्था खत्म करने के मिशन से भी कहीं आगे की बात है. अरे मैं तो कहता हूं अगर सलमान भाई के फैन भी उनकी जाति अपना लें तो नब्बे-फीसदी-जातीय-समस्याएं अपनेआप खत्म हो जाएं.
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