scorecardresearch
 

व्यंग्य: 'हाफ गर्लफ्रेंड' से पहले जानिए गर्लफ्रेंड को

चेतन भगत की बहुप्रतीक्षित किताब ‘हाफ गर्लफ्रेण्ड’ मार्केट में आ चुकी है. इस किताब को सही मायनों में ‘बहुप्रतीक्षित’ कहा जा सकता है क्योंकि शायद सब इस किताब की प्रतीक्षा में थे कि कब ये किताब उन तक पहुंचे और वो इसकी समीक्षा कर सकें. जिस तरह से आजकल हर कोई ‘हाफ गर्लफ्रेंड’ की समीक्षा करने में लगा है.

Advertisement
X
गर्लफ्रेंड को जानना है ज्यादा जरूरी
गर्लफ्रेंड को जानना है ज्यादा जरूरी

चेतन भगत की बहुप्रतीक्षित किताब ‘हाफ गर्लफ्रेण्ड’ मार्केट में आ चुकी है. इस किताब को सही मायनों में ‘बहुप्रतीक्षित’ कहा जा सकता है क्योंकि शायद सब इस किताब की प्रतीक्षा में थे कि कब ये किताब उन तक पहुंचे और वो इसकी समीक्षा कर सकें. जिस तरह से आजकल हर कोई ‘हाफ गर्लफ्रेंड’ की समीक्षा करने में लगा है.

Advertisement

ऐसा लगता है कि ये पहली किताब है जो पाठकों के बजाय समीक्षकों के लिए लिखी गई है. चेतन भगत जैसे लेखकों को देख और पढ़कर साहित्य को नए लेखक भले मिलें न मिलें लेकिन नए-नए समीक्षक थोक के भाव मिलने वाले हैं. चेतन भगत की पिछली किताबों के आने पर इतना शोर-शराबा नहीं हुआ करता था पर समस्या तब शुरू हुई, जिस दिन चेतन भगत सलमान खान की फिल्म ‘किक’ की स्क्रिप्ट लिख बैठे. सलमान खान को जानने वालों के लिए चेतन भगत जैसे उपन्यासकार के स्क्रिप्ट राइटर बनने से ज्यादा हैरानी की बात ये थी कि सलमान की फिल्म में स्क्रिप्ट राइटर का क्या काम?

इतनी घनघोर समीक्षाओं के बाद भी अगर आपने ‘हाफ गर्लफ्रेंड’ खरीदकर, मांगकर या उधार लेकर पढ़ने का मन बना लिया हो तो हम आपको चेताना चाहेंगे, इस बारे में नहीं कि आप किताब पढ़ें या नहीं बल्कि इस बारे में कि आप किताब में लिखी हुई बातों को किस हद तक जीवन में उतारें.

Advertisement

सबसे पहले गर्लफ्रेंड को जानना जरूरी है. गर्लफ्रेंड शब्द की उत्पत्ति दो शब्दों से मिलकर हुई है. हिंदी के ‘गरल’ और अंग्रेजी के ‘फ्रेंड’ से. ज्योतिषविज्ञान के जानकारों की मानें, तो जब कुण्डली में राहु की महादशा चल रही हो, साथ ही शनि, बुध और बुद्धि दोनों पर भारी हो, मंगल उल्टी दिशा में घूम रहा हो और गुरू कुण्डली के आखिरी खाने से भी बाहर निकलने वाला हो तब अच्छे-भले व्यक्ति के जीवन में गर्लफ्रेंड का प्रवेश होता है.

गर्लफ्रेंड से पहली मुलाक़ात के बारे में भी अलग-अलग लोगों से कई अलग बाते सुनने को मिलती हैं,पर ज्यादातर लोग यही कहते हैं कि जब पहली बार उन्होंने अपनी गर्लफ्रेंड को देखा था. तब उनकी बुद्धि मामा के घर गर्मी की छुट्टी मनाने चली गई थी. गर्लफ्रेंड पर कई विचारकों ने भी काफी कुछ कहा है. किसी ने कहा, 'सुख और दुख अगर जीवन के चक्र हैं तो गर्लफ्रेंड चक्रवात है. तो किसी ने कहा, 'जीवन अगर सामंजस्य की साइकिल है तो गर्लफ्रेंड साइक्लोन है.'

इस किताब का एक संवाद जो मुख्य पात्र अपनी गर्लफ्रेंड से कहता है. आजकल बहुत चर्चित है, ‘देना है तो दे, वर्ना कट ले’. इसे तो कतई इस्तेमाल न करें. ऐसी पंक्तियों को दोहराने का मतलब है गर्लफ्रेंड को जानबूझ कर नाराज करना. इसलिए नहीं क्योंकि इसमें कुछ अश्लील या अभद्र अर्थ छुपा है बल्कि इसलिए कि ऐसा कहकर आप उससे मांग रहे हैं. हमेशा ध्यान रखें कोई भी गिफ्ट या कुछ भी लेने का एकाधिकार सिर्फ गर्लफ्रेंड के पास होता है.

Advertisement

अब आते हैं ‘हाफ गर्लफ्रेंड’ पर. ‘हाफ गर्लफ्रेण्ड’ जैसा दुनिया में कहीं कुछ नहीं होता. गर्लफ्रेंड खुश हो सकती है. दुखी हो सकती है. क्षुब्ध हो सकती है. आप पर मंत्रमुग्ध या खुद पर आत्ममुग्ध हो सकती है. रूठी हो सकती है या नाराज हो सकती है पर ‘हाफ’ नहीं हो सकती. नाराज गर्लफ्रेंड बहुतायत में पाई जाती हैं.

गर्लफेंड के पास ऐसी दिव्य शक्तियां होती हैं कि वे दिन के चौबीस में से अट्ठाईस घंटे नाराज रह सकती हैं. उन्हें नाराज होने के लिए किसी वजह की जरुरत भी नहीं होती. एक भुक्तभोगी ने हमें जो जानकारी दी, उसके हिसाब से एक बार उसकी गर्लफ्रेंड ने नाराज होकर दो दिन तक उससे बात नहीं की और दो दिन बाद बात करने पर फिर नाराज हो गई क्योंकि न तो उसे याद रहा न लड़का यह याद रख पाया था कि दो दिन पहले वो किस बात पर नाराज हुई थी.

Advertisement
Advertisement