उच्च के बृहस्पति की पूर्ण दृष्टि के चलते मुलायम सिंह यादव की अध्ययन में गहरी रुचि रहेगी इसलिए धार्मिक क्रियाकलापों के लिए वक्त नहीं निकाल पाएंगे. ममता बनर्जी से प्रेरित होकर मायावती इन दिनों पेंटिंग सीखने की सोच सकती हैं. दरअसल, शनि की ढैया अपने आखिरी दौर में जातक से खूब क्रिएटिव काम कराता है.
मेष : अखिलेश यादव को पूरे परिवार का पूरा सहयोग मिलेगा
अरविंद केजरीवाल इस हफ्ते शनि और मंगल दोनों के आंशिक प्रभाव में रहेंगे. मजे की बात ये है कि ये दोनों ग्रह खुद भी एक दूसरे के प्रभाव में होंगे - लिहाजा दिल्ली में इसका
पूरा असर भी दिखेगा. ग्रहों के इशारों को अगर समझें तो कुछ फेरबदल की संभावनाएं भी बन रही हैं.
अखिलेश यादव के मन में आशा-निराशा के मिश्रित भाव छाए रह सकते हैं, हालांकि, पूरे परिवार का पूरा सहयोग मिलेगा. वीकेंड तक तो यूपी के बाकी मुख्यमंत्रियों की ओर से किसी
नए बखड़े की आशंका कम ही दिख रही है.
अमित शाह के लिए अपनी रणनीति की समीक्षा के लिए समय अनुकूल है. वैसे बीजेपी के कुछ नेताओं को शाह के कड़े फैसलों के लिए तैयार रहना चाहिए. लालू प्रसाद को दो-दो मोर्चों पर जूझना होगा. काम के चलते ये हफ्ता काफी थकाऊ और गठबंधन के हिसाब से तनावभरा हो सकता है. अरुण जेटली के विदेश यात्रा का योग बन रहा है - लेकिन वीकेंड तक टाल दें तो अपने खिलाफ पार्टी में हो रही साजिशों को नाकाम कर सकते हैं.
वृष : ओबामा नोबेल कमेटी को इसी हफ्ते लेटर भेज सकते हैं
मुमकिन है वृष राशि के दो नेता इस हफ्ते काफी मूर्खतापूर्ण बयान दें - और ताज्जुब की बात नहीं होगी उन्हें प्रमोशन भी मिल जाए जिस तरह सोनिया गांधी के बारे में बोल कर
गिरिराज सिंह को हासिल हुआ. यहां भी शर्तें लागू हैं, बशर्ते वो वरुण गांधी न हों.
बराक ओबामा अपने दोस्त को जाते जाते वैसा ही तोहफा दिलाना चाहते हैं जैसा आते ही उन्हें मिला था. वीकेंड तक वो नोबेल कमेटी को लेटर भेज सकते हैं.
मिथुन : मोदी की राह चल कर ही कामयाब हो सकती हैं शेख हसीना
जो नेता बीजेपी में कैलाश विजयवर्गीय की तरह तरक्की चाहते हैं उन्हें निराश होना पड़ सकता है. कीर्ति आजाद और कुछ लाइक माइंडेड राजनीतिज्ञ उनकी कोशिशें नाकाम करने
में कामयाब रहेंगे.
कांति सिंह का पूरा हफ्ता अच्छा बीतेगा. लालू प्रसाद के प्रोत्साहन और हर कदम पर पहले की तरह मार्गदर्शन उन्हें अच्छा लगेगा जिससे पटना में पैदल मार्च का दर्द कुछ कम हो सकेगा.
शेख हसीना भी विशेष प्रयोजनों के साथ विदेश यात्राओं की योजना बना रही हैं, लेकिन बाहर वो सुकून से तभी रह पाएंगी जब मोदी की तरह वो भी घर में मजबूत इंतजाम करके निकलें.
कर्क : ऐसा मौका इस साल तो दोबारा नहीं आनेवाला
कर्क राशि के नेताओं के लिए मौजूदा वक्त वैसे ही है जैसे कहा जाए कि हंस चुनेगा दाना-तिनका और कौवा मोती खाएगा. गए गुजरे नेता भी अगर अपनी जन्मजात प्रतिभा का
इस्तेमाल करें तो मनचाहा काम बन सकता है और ये समय दोबारा उनकी जिंदगी में इस साल तो नहीं ही आनेवाला. दूसरी तरफ, काबिल नेताओं के लिए इससे घटिया दौर हाल
फिलहाल तो नहीं रहने वाला. हालांकि, ग्रहों का ऐसा प्रभाव हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा जैसी पार्टियों पर न्यूनतम होगा.
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