scorecardresearch
 

व्यंग्यः दिल्ली चुनाव ऐलान के बाद अरविंद केजरीवाल ने फोन पर क्या कहा सचिन तेंदुलकर से

दिल्ली का फैसला आ गया. वहां विधानसभा चुनाव फिर होंगे. वैसे पूछने वाले पूछ रहे हैं कि जब चुनाव ही करवाने थे तो उपराज्यपाल ने आठ महीने का समय क्यों लिया?

Advertisement
X
सचिन तेंदुलकर और अरविंद केजरीवाल
सचिन तेंदुलकर और अरविंद केजरीवाल

दिल्ली का फैसला आ गया. वहां विधानसभा चुनाव फिर होंगे. वैसे पूछने वाले पूछ रहे हैं कि जब चुनाव ही करवाने थे तो उपराज्यपाल ने आठ महीने का समय क्यों लिया? दरअसल आठ महीने उपराज्यपाल वक़्त नहीं लाइमलाइट में भौकाल काट रहे थे. हालांकि उपराज्यपाल के सिर दिल्ली में सरकार न बनने का या दिल्ली का फैसला न करने का ठीकरा नहीं फोड़ना चाहिए. इसके लिए दिल्ली भाजपा और आम आदमी पार्टी ने किसी और को चुन रखा है.

Advertisement

दिल्ली के फैसले के साथ सचिन तेंदुलकर की आत्मकथा भी आई, जिसमें साफ-साफ ग्रेग चैपल को टीम इंडिया के बंटाढार की वजह बताया गया है. ये खुलासा होते ही सबसे पहले केजरीवाल ने सचिन को फोन कर बधाई देते हुए कहा कि ‘अब तो आप भी खुलासे करने लगे हैं. चाहें तो मिसकॉल कर आम आदमी पार्टी ज्वाइन कर सकते हैं. टोपी और झाड़ू हम घर पहुंचा देंगे.’ सचिन तेंदुलकर ने उन्हें क्या जवाब दिया ये तो नहीं पता लेकिन सूत्रों की मानें तो इसके बदले आरकेपुरम से आम आदमी पार्टी का टिकट उन्होंने ‘मैं तो बहुत छोटा आदमी हूं जी’ कहकर लेने से मना कर दिया.

ऐसा भी नहीं है कि आजकल सिर्फ केजरीवाल ही सबको फोन कर रहे हैं. जबसे दिल्ली के अगले चुनावों की रणभूमि उन्होंने केजरीवाल बनाम जगदीश मुखी को केंद्र में रख तैयार की है, तबसे इकतीस बार विजय गोयल उन्हें फोन कर चुके हैं. ये विजय गोयल वही हैं जिनकी मुख्यमंत्री पद की दावेदारी पिछली दफा डॉक्टर साहब ले उड़े थे. फोन पर हुई लंबी बातचीत के बाद ये फैसला लिया गया है कि केजरीवाल अपनी तरफ से मुखी के बजाय विजय गोयल को भाजपा के मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करेंगे. बदले में चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा और आम आदमी पार्टी मिलकर दिल्ली में सरकार न बनने देने का ठीकरा भी ग्रेग चैपल के सिर फोड़ेंगी.

Advertisement

वैसे इन सबके चलते समस्या चुनाव आयोग की बढ़ गई थी. इसके सामने अहम सवाल था कि वो दिल्ली में चुनाव जम्मू कश्मीर और झारखण्ड के साथ कराए या बाद में. लेकिन ऐसे मुश्किल वक्त में पूर्व क्रिकेटर श्रीसंथ ने आयोग की मसीहा बनकर मदद की. श्रीसंथ ने यह कहते हुए सारा मामला अपने हाथ में ले लिया कि अपने अनुभवों के सहारे दिल्ली में चुनाव की तारीखें वो ‘फिक्स’ करा देंगे. यह सुनकर ही आयोग चैन की सांस ले पाया.

वैसे वेस्टइंडीज जीतने के बाद धोनी और महाराष्ट्र और हरियाणा के बाद मोदी भी सुकून भरी सांस ले छोड़ रहे हैं. ये सब कुछ आपस में इतना मिला जुला नजर आ रहा था कि जब कल किसी ने गपशप के दौरान विराट कोहली से पूछा, श्रीलंका को दूसरा मैच भी हराकर कैसे महससू कर रहे हैं, तो उनके मुंह से निकल गया. अमित शाह जैसा.

Live TV

Advertisement
Advertisement