देश भर में आज करवा चौथ की धूम है. जहां पत्नियां संजने-संवरने और पूजा में बिजी हैं, वहीं पति काम निपटाकर दफ्तर से घर जाने की जल्दी में हैं. इसी मौके पर पेश है हमारी ये व्यंग्यात्मक पेशकश:
साल-दर-साल तुमने मेरा सिर इतना खपाया है,
सिर के बाल रुखसत हो गए, हर दम दमकता है!
करवा चौथ है तुम बाहर जा रहे हो छन्नी लेकर,
मेरे टकले का चांद घर ही में क्या कम चमकता है?
चांद को छन्नी से देखते हो तुम,
चांदनी भी छान कर के लेते हो!
तुम इक दिन अगर ना खाओ,
तो मेरी उमर लंबी हो जाती है!
तुम अगर रोज खाना बंद करो,
तो मैं बेशक अमर ही हो जाऊं!
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(साभार: QUICKBANDI )