गुजरात की राजधानी गांधीनगर में सोमवार दोपहर अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी का काफिला सड़क दुर्घटना का शिकार हो गया . दुर्घटना उस वक्त हुई, जब केरी पाकिस्तान रवाना होने के लिए विमान पकड़ने एयरपोर्ट जा रहे थे. हालांकि उन्हें चोट नहीं आई पर इसके बाद जॉन केरी के मन में एक डर सा बैठ गया है कि पाकिस्तान जाने के नाम पर ये हाल हो रहा है तो पाकिस्तान पहुंच कर क्या होगा.
पाकिस्तान की बात ना ही की जाए तो बेहतर वहां के हालात जितने बुरे है उस हिसाब से अगर भैंस भी दुहते वक्त पाकिस्तान का नाम सुन ले तो गरम होते-होते दूध फट ही जाता है. अभी बात भारत के ट्रैफिक भारतीयों के ट्रैफिक सेंस और भारत में ट्रैफिक नियमों की, जिनकी जानकारी न होने के चलते अमेरिकी विदेश मंत्री को दुर्घटना का सामना करना पड़ा. यूं तो भारत का ट्रैफिक सारी दुनिया में मशहूर है. हॉलीवुड की फिल्में देखिए तो भारत के नाम पर कभी मन्दिर-मस्जिद, नाद-नदी और ताल-तलैय्या नहीं दिखाते. उन्हें पता होता है ये इस पर भी लड़ लेंगे. इसलिए धका-पेल ट्रैफिक का एक विहंगम दृश्य ही ये इशारा कर देने को काफी होता है कि कैमरा भारत हो आया. सिर्फ हॉलीवुड नहीं बॉलीवुड की फिल्मों में भी दशकों से सड़कों का इस्तेमाल पत्रकारों और चश्मदीद गवाहों को ट्रक की ठोकर से सही जगह तक पहुंचाने के लिए होता आया है.
भारतीयों का ट्रैफिक सेन्स इतना जबरदस्त है कि जब कभी किसी की गाड़ी से टक्कर हो जाए तो बजाय अपना साइड और गाड़ी की हालत देखने के सीधे प्रेमपूर्वक शब्दों में ‘यह मार्ग क्या आपके आदरणीय पिता जी का बनवाया है?’ पूछ बैठते हैं. ट्रैफिक सेंस के अलावा भारतीय सड़कों पर कुछ अघोषित नियम और सर्वविदित तथ्य होते हैं. अमेरिकियों की असुविधा और ओबामा के भारत आगमन को देखते हुए एक बार ये तथ्य और नियम फिर दोहराए जा रहे हैं.
1. सड़के सबके लिए होती हैं. सब मतलब ट्रक, कार, मोटरसाइकल, साइकल, पैदल, खोमचे, मवेशी और भावी क्रिकेटर्स.
2.अधिकतम गतिसीमा का पालन सिर्फ तब तक किया जाता है जब तक चौराहे पर ट्रैफिक पुलिसवाले और पिछली सीट पर घरवाले हों.
3. उस गाड़ी को कभी ओवरटेक नही करना चाहिए, जिसमे खुद की गाड़ी से ज्यादा या बड़े पहिए हों.
4. एक्सीडेंट होने पर गलती हमेशा लड़के या बड़ी गाड़ीवाले की होती है.
5. अर्थी और बारात के रास्ते में कभी नही आना चाहिए. क्योंकि पहले वाले के दुखों का अंत हो रहा होता है और दूसरे वाले की खुशियों का.
6. मऊगंज वाले चाचा के साले के साढू का भांजा भी अगर थाने में मुंशी या फौज में रसोइया है तो आपको गाड़ी पर POLICE या ARMY लिखाने का पूरा अधिकार है.
7. ट्रैफिक में फंसे होने पर जोर-जोर से हॉर्न बजाने से जाम जल्दी खुल जाता है.
8. महापुरुष वो नही होते जो बड़े काम करते हैं बल्कि वो होते जिनके नाम पर सड़कों के नाम होते हैं.
9. हर कोई सड़क पर हर कहीं जाने की जल्दी में होता है,लोग सड़कों पर तेज चल समय बचाते हैं ताकि गंतव्य तक पहुंच वही बचा हुआ समय बर्बाद कर सकें.
10. सफाई कर्मियों के अलावा कोई और सड़कों की सफाई करते नजर आए तो दो ही मतलब निकलते हैं या तो वो नेता है जो फोटो खिंचाने आया है. या वो टेंट हाउस
वाला है और बगल वाले घर में शादी है.
(युवा व्यंग्यकार आशीष मिश्र पेशे से इंजीनियर हैं और इंदौर में रहते हैं.)