छू लेने दो नाजुक हाथों को. नवाज शरीफ यू आर सो अन रोमांटिक. हमारे पीएम गुगली बुगली बुश वाली क्रीम हाथों में लगाकर सार्क सम्मेलन में गए और आपने पहले दिन हाथ तक नहीं मिलाया. वॉट इज दिस. नवाज शरीफ तुम दो बार हमारी पीएम की पीठ के पीछे से गुजरे, पर दोनों बार ध्यान ही नहीं दिया. गुरु, पीठ पीछे सिर्फ हमले नहीं किए जाते हैं, हाथ भी मिलाया जाता है. खैर छोड़ो, गुरुवार को सार्क समापन के दौरान आपने हाथ मिला लिया तो हमने भी पड़ोसी समझ कर माफ किया. लेकिन नेशन वॉन्टस टू नो कि किस वजह से शरीफ ने बुधवार को मोदी से हाथ नहीं मिलाया. यहां जानिए ऐसी वजहों के बारे में, जिसके चलते नवाज शरीफ ने पीएम मोदी से सार्क सम्मेलन के पहले दिन हाथ नहीं मिलाया.
1. साड़ी, शॉल ने छोड़ा रंग: पीएम मोदी ने भाई-बंदी दिखाते हुए शरीफ की मां के लिए जो बनारसी साड़ी और शॉल भेजी थी, हो सकता है उस साड़ी और शॉल ने रंग छोड़ दिया हो. और उस छोड़े हुए रंग की वजह से बाल्टी में भीग रही शरीफ की सलवार उर्फ पायजामा खराब हो गया था. बेचारे शरीफ अपनी माता जी को तो कुछ कह नहीं सकते तो उन्होंने पायजामे में रंग लगने का गुस्सा मोदी से हाथ न मिलाकर उतारा.
2. इबोला: शरीफ सेहत को लेकर बहुत सीरियस रहते हैं, भारत में अभी इबोला के संक्रमण की खबरें आ रही हैं. शरीफ को अपनी जान बहुत प्यारी है. वो थोड़े अंधविश्वासी भी हैं तो उन्होंने इस डर से पीएम मोदी से हाथ नहीं मिलाया कि कहीं इबोला वाया मोदी टू शरीफ पाकिस्तान न पहुंच जाए. वैसे ही कादरी और इमरान ने कुल्हाड़ी की हुई है. कौन मुसीबत बढ़ाए.
3. एक ओबामा और दो दीवाने: ये जिस्म प्यार करना नहीं जानता, जानता है तो सिर्फ भूख.. मेहमाननवाजी की भूख. ओबामा एक हैं और दीवाने दो. 26 जनवरी पर पांडवों की तरह कृष्ण रूपी ओबामा को पीएम मोदी ने पहला न्योता दिया. शरीफ से ये जानकर रहा नहीं गया और उन्होंने तत्काल जानू-बाबू ओबामा करते हुए अमेरिका से कुछ गुटुर गु की. लेकिन ओबामा निकले सलमान के फैन. भारत से कमिटमेंट कर दिया तो कर दिया. ओबामा की रुसवाई और भारत के पाले में ओबामा का आना भी शरीफ के हाथ न मिलाने की ावजह हो सकती है.
4. किम कर्दार्शियां: खबर थी कि किम कर्दार्शियां भारत आने वाली हैं और भारत पाकिस्तान के बीच दूरी ही कितनी है. जरा सी तेज हवा चले तो खुशबू सरहद पार चली ही जाती है. किम के भारत आने की बात सुनते ही शरीफ उत्साहित और कराटे किड टाइप हुए जा रहे थे. सुना है किम के पुराने दीवाने हैं शरीफ साहब. ऐसे में किम के भारत न आने से शरीफ की उम्मीदों पर पानी फिर गया. और उन्हें किम से मोहब्बत के अंजाम पर रोना आया. फलस्वरूप गुस्सा निकला मोदी के गुगली बुगली हाथों से हाथ न मिलाकर.
5. क्लीन इंडिया कैंपेन: भई बात तो गलत है. पीएम मोदी सभी को क्लीन इंडिया के लिए नॉमिनेट कर रहे हैं लेकिन उन्होंने एक बार भी शरीफ को सफाई के लिए नॉमिनेट नहीं किया. दिल टूट गया अंकल का इसी बात पर. बेचारे शरीफ 2 अक्टूबर से ही चोरी छिपे अपने घर की रसोई में पोछा लगाते हुए प्रैक्टिस कर रहे थे कि न जाने कब मोदी नॉमिनेट कर दें. पर मोदी निकले सनम बेवफा. एक बार भी टेडीबियर जैसे अपने शरीफ दोस्त का ट्विटर से लेकर मन की बात में क्लीन इंडिया कैंपेन के लिए जिक्र ही नहीं किया.
6.पढ़ाई में दखल नहीं: सार्क मंच पर मोदी हाथों में कुछ किताब सा लिए पढ़ रहे थे. शरीफ ये नहीं चाहते थे कि भाई मोदी की पढ़ाई डिस्टर्ब हो. मलाला की पढ़ाई डिस्टर्ब करने की वजह से पाकिस्तान की इतना लेथन हो चुका है. ऐसे में सार्क के बड़े मंच पर पढ़ते हुए बड़े बाल नरेंद्र को डिस्टर्ब करने से बेहतर चुप्पेचाप जाकर कुर्सी पकड़ लो. खाली-पीली मोदी की पढ़ाई में डिस्टर्बेंस होती और लोग कुछ कहें इससे अच्छा है चुप रहो, कुछ न कहो.
7.हाथ स्कैन कर ज्योतिषी को न दिखा दें: स्मृति ईरानी के ज्योतिषी को हाथ दिखाने की खबरें
पाकिस्तान भी पहुंची थी. शरीफ को मन में डर था कि मोदी से हाथ मिलाया और उन्होंने मोम लगाकर मेरे
हाथ को स्कैन टाइप कुछ कर लिया और ज्योतिषी से मेरे इरादों के बारे में जानकर कुछ उपाय या बिलावल,
इमरान एंड कादरी से चुगली कर दी, तो क्या होगा. मानव संसाधन विकास मंत्री देख लीजिए मानव की शक्ल
में शरीफ पर आपके हाथ दिखाने का क्या असर हुआ. आपके भाई से पहले दिन हाथ ही नहीं मिलाया. लगता है सीआईडी बहुत देखते हैं शरीफ साहब.
सार्क के मौके पर जरूर शरीफ के दिमाग में यही सब बातें थीं. तभी तो उन्होंने पीठ पीछे सिर्फ हमला करने की परंपरा को कायम रखते हुए पीछे से हाथ मिलाना मुनासिब नहीं समझा. वो तो भला हो कोइराला और मोदी जी का, जिन्होंने दरियादिली दिखाते हुए सार्क समापन के आखिरी दिन शरीफ से शराफत से हाथ मिला ही लिया. नवाज शरीफ जी आप बेफिक्र रहिए. आपकी खराब हुई सलवार के लिए हम इंतजाम करते हैं. हम मोदी जी से कहकर रामदेव के पंतजिल आश्रम से आपके लिए वो सलवार भिजवाएंगे जिसे पहनकर रामदेव रामलीला मैदान से भागे थे. क्योंकि अब वो सलवार रामदेव के काम की नहीं रही. सारा कालाधन लौट आया है न भारत में...वाया बाबा जी का ठुल्लू.