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व्यंग्य: सुषमा को बिहार चुनावों की कमान, गिरिराज होंगे कनाडा के प्रभारी

अमूमन हर विदेश दौरे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'मन की बात' करते हैं. हर बार 'मन की बात' के बाद मोदी विदेश दौरे पर होते हैं. और इस तरह 'मन की बात' और 'विदेश दौरे' में ऐसा रिश्ता बनता है जिसकी झलक दोनों में बारी-बारी मिलती रहती है.

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नरेंद्र मोदी
नरेंद्र मोदी

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अमूमन हर विदेश दौरे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'मन की बात' करते हैं. हर बार 'मन की बात' के बाद मोदी विदेश दौरे पर होते हैं. और इस तरह 'मन की बात' और 'विदेश दौरे' में ऐसा रिश्ता बनता है जिसकी झलक दोनों में बारी-बारी मिलती रहती है. प्रधानमंत्री हाल ही में तीन देशों की यात्रा से लौटे हैं - और अगला 'मन की बात' शो वीकेंड पर होना है, जिसकी रिकॉर्डिंग पहले ही हो चुकी है. पेश है कुछ अंश -

मित्रों ,
जहां भी मैं जाता हूं बस देश की बात करता हूं. मैंने कहा कि मैं देश को 'स्कैम इंडिया' से 'स्किल इंडिया' बनाने में लगा हूं. बस, यहां लोगों को सांप सूंघ गया . कहने लगे कि मोदी विदेशों में भी चुनावी भाषण देने लगे हैं. इसी से मुझे एक आइडिया सूझा - और मैंने अंतर्राष्ट्रीय चुनावों में भी किस्मत आजमाने का फैसला किया. मैंने लोक सभा चुनावों के बाद भाषण देना बंद कर दिया था. मैं तो अब बस मन की बात करता हूं. दिल्ली चुनावों में भी मैंने बस मन की बात ही कही. भई, मैं तो इन लोगों का आभारी हूं - अगर ये नहीं होते तो मोदी भी नहीं होते . होते क्या? नहीं ना.

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ऐसा पहले कभी हुआ क्या? नहीं ना
मैंने देखा कि विदेशों में इन दिनों जितनी भारत की पूछ बढ़ी है - वैसी पूछ आजादी के पहले भले ही रही हो - उसके बाद तो किसी ने नहीं देखी. बोलो किसी ने देखी है क्या? नहीं ना.

आपने देखा बराक ने आपके प्रधानमंत्री के बारे में टाइम मैगजीन में लेख लिखा है. क्या ऐसा पहले कभी हुआ है? नहीं ना. ऐसा पहली बार हो रहा है.

मैडिसन स्क्वायर गार्डन पर आपके प्रधानमंत्री का ऐसा शो हुआ जैसा बड़े बड़े पॉप स्टार का होता है. दुनिया ने देखा. हमने मैडिसन स्क्वायर गार्डन में तिरंगा फहराते हुए ऐलान किया कि भारत अब स्नेक चार्मर का देश नहीं रहा - भारत अब माउस चार्मर का देश बन गया है. हमारी आईटी टीम ने बताया कि उस दिन सिर्फ 37 सेकंड में में पांच करोड़ 36 लाख सात सौ 93 दशमलव पांच लोगों ने तालियां बजाई (दशमलव के बाद वाली संख्या बच्चों की है). सोचो अगर ऐसे बार बार ताली बजाने का मौका मिले तो देश के लिए कितनी तालियां बजेंगी? मैं तो कहता हूं, फिर तो आईटी टीम भी नहीं गिन पाएगी. गिन पाएगी क्या? नहीं ना.

सुषमा होंगी बिहार चुनाव प्रभारी
अब बात सुषमा जी की. सुषमा स्वराज हमारी विदेश मंत्री हैं - आपको तो पता ही होगा. सुषमा जी के काम पर अगर आप गौर करेंगे तो पाएंगे कि आज तक किसी विदेश मंत्री ने वैसा परफॉर्म नहीं किया जैसा सुषमा जी कर रही हैं. बल्कि मैं तो ये कहूंगा कि सुषमा जी ने खुद भी आज तक इतना काम नहीं किया जितना आज कर रही हैं. वो 24x7 ट्विटर पर डटी रहती हैं. यकीन न हो तो आप उन्हें मेंशन कर एक ट्वीट करके देख सकते हैं. 10 मिनट भी नहीं बीतेंगे - और जवाब आपको मिल जाएगा. मैं आपको बता दूं कि इसमें भी उतनी देर उनके चलते नहीं होती, बल्कि नेटवर्क कंजेशन के चलते ऐसा होता है. जैसे ही देश 'स्कैम इंडिया' से 'स्किल इंडिया' सर्वर पर शिफ्ट करेगा कंजेशन की समस्या अपने आप खत्म हो जाएगी.

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आपको ये बात नहीं मालूम होगी कि जनरल वीके सिंह ने यमन में कितना बढ़िया काम किया. मीडिया तो बस उनके खिलाफ मुहिम में जुटा रहा, लेकिन मैने उनसे कह दिया है कि वो बेफिक्र हो कर अपना काम करें किसी की परवाह करने की जरूरत नहीं है. मैं बताऊं आपको जनरल सिंह ने वहां खुले मैदान में जहां बमबारी हो रही थी - उसकी परवाह किए बगैर देश ही नहीं दुनिया भर के लोगों को बचाया. भाइयों और बहनों ये उनके पिछले अनुभवों की वजह से मुमकिन हुआ. चुनाव भी युद्ध जैसा ही होता है. इसीलिए हमने फैसला किया है कि वीके सिंह जी अब बिहार चुनाव में अपनी भूमिका निभाएंगे - और अपने अनुभवों का हमें लाभ देंगे. यमन ऑपरेशन की तरह ही जनरल साहब सुषमा जी के सहयोगी की भूमिका में रहेंगे. मैं बताना चाहूंगा कि सुषमा जी को अब हमने बिहार चुनाव की कमान सौंपी है.

विदेशों में भी चुनाव लड़ेगी बीजेपी
मित्रों, मैं बताना चाहूंगा कि विदेशों में आपके प्रधानमंत्री की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए हमने अंतर्राष्ट्रीय चुनावों में भी हिस्सा लेने का फैसला किया है. इस साल अक्टूबर में कनाडा में चुनाव होने जा रहे हैं. आप मान के चलें कि ये वही समय होगा जब बिहार में लोग वोट डाल रहे होंगे. इसी तरह 2017 में फ्रांस और जर्मनी में आम चुनाव होंगे - और ये वो वक्त होगा जब उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे. एक्सपेरिमेंट के तौर पर हमने फिलहाल तीन देशों में ही चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया है, जिसकी शुरुआत हम कनाडा से करने जा रहे हैं.

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गिरिराज को कनाडा की कमान
मित्रों, ये मीडिया सिर्फ जनरल साहब के ही पीछे नहीं पड़ा था, गिरिराज भाई ने हंसी-मजाक में कुछ कह दिया तो उसे भी इन लोगों ने मुद्दा बना दिया. इससे मीडिया की टीआरपी चाहे जितनी बढ़ी हो गिरिराज भाई पूरी दुनिया में चर्चित हो गए. मुझसे तो कई लोगों ने उनके बारे में कनाडा में भी पूछा. मैंने कहा कि चिंता न करो, लौटते ही मैं गिरिराज भाई को कनाडा भेज दूंगा. आपको बता दें मित्रों, गिरिराज भाई को हमने कनाडा में चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया है. बिहार चुनाव में उनका खासा अनुभव रहा है और उसका हमें पूरा फायदा मिलेगा.

एक बात और. टोरंटो में मैं गीतांजलि से मिला. मैंने उन्हें बताया कि उनके पापा बहुत बढ़िया काम कर रहे हैं. गीतांजलि हमारे मंत्रिमंडलीय सहयोगी चौधरी बीरेंद्र सिंह की बेटी हैं. हरियाणा चुनावों में भी उन्होंने बहुत अच्छा काम किया था. अब हमने उन्हें भी गिरिराज भाई के साथ उनके सहयोगी के तौर पर कनाडा भेजने का फैसला किया है. बीरेंद्र जी और गीतांजलि कुछ दिन साथ रहेंगे तो उन्हें अच्छा भी लगेगा और इससे हमारे 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान को भी मजबूती मिलेगी.

मित्रों, चूंकि जर्मनी और फ्रांस में होनेवाले चुनावों में अभी काफी वक्त है इसलिए उस बारे में कोई फैसला नहीं लिया गया है. जैसे ही इस बारे में फैसला लिया जाएगा - हम आपको बता देंगे. फिलहाल, अनुमति चाहूंगा मित्रों. जय भीम .

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